जयपुर
राजस्थान में जहां प्रदेश सरकार उपचुनावों में जीत की तैयारियों में जुटी है। वहीं इसी बीच मंत्रिमण्डल विस्तार को लेकर भी सुगबुगाहटें तेज हैं। जहां पिछले कुछ दिनों पहले सचिन पायलट जल्द मंत्रिमण्डल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की सिफारिश कर चुके हैं। वहीं अब पायलट खेमे के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने एससी- एसटी मुद्दे पर अपनी राय रखी है। मीडिया को दिए अपने इंटरव्यू में सोलंकी ने कहा कि सरकार के गठन में SC-ST के वोटों की अहम भूमिका रही है। लिहाजा SC-ST के विधायकों को अब दमदार विभागों का मंत्री बनाना चाहिए। इन्हें जनता से जुड़े दमदार विभाग देकर ताकतवर बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नाम मात्र के प्रतिनिधि बनाने से कुछ नहीं होगा। सोलंकी का कहना है कि SC-ST में बहुत से वरिष्ठ विधायक हैं जो पांच-पांच बार जीते हुए हैं, उन्हें मंत्री बनाना चाहिए।
पायलट समर्थक पूर्व मंत्री रमेश मीणा ने लगाया था पहले भेदभाव का आरोप
आपको बता दें कि इससे पहले सचिन पायलट के समर्थक विधायक रमेश मीणा ने प्रदेश सत्ता व संगठन दोनों पर अनुसूचति जाति (एससी ) अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अल्पसंख्यक विधायकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था। उन्होंने मीडिया के सामने कहा था कि कोरोना काल में सदन में बैठने की व्यवस्था में हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। सदन के भीतर एससी, एसटी और अल्पसंख्यक विधायकों को जान-बूझकर बिना माइक वाली सीटों पर पीछे बिठाया जा रहा है। सदन में विधायकों के बैठने की व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की है। सरकार हमारी आवाज को दबा रही है।
पायलट खेमे का जल्द मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का दबावजानकारों की मानें, तो सचिन पायलट खेमा सुलह के बाद से लगातार मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के लिए दबाव बना रहा है। इधर मुख्यमंत्री जल्द विस्तार के मूड में नहीं है। पायलट खेमे की बगावत के बाद बनी सुलह कमेटी बनाई गई थी। इस संबंध में पीसीसी में मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा था कि सुलह कमेटी में जिन मुद्दों पर सहमति बनी थी, उन पर अब कार्रवाई होनी चाहिए। जल्द उपचुनाव हो जाएंगे, पांच राज्यों के चुनाव भी जल्द खत्म होंगे, लिहाजा तो देरी का कोई कारण नहीं बचता। पायलट ने इस दौरान जल्द ही मंत्रिमण्डल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों होने की उम्मीद भी जताई थी। जानकारों की मानें, तो अब मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के साथ पायलट खेमे ने यह संकेत दिए हैं कि सुलह कमेटी के सामने रखी गई मांगों को जल्द पूरा करने के लिए भी आवाज मुखर करेंगे।
राजस्थान में जहां प्रदेश सरकार उपचुनावों में जीत की तैयारियों में जुटी है। वहीं इसी बीच मंत्रिमण्डल विस्तार को लेकर भी सुगबुगाहटें तेज हैं। जहां पिछले कुछ दिनों पहले सचिन पायलट जल्द मंत्रिमण्डल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की सिफारिश कर चुके हैं। वहीं अब पायलट खेमे के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने एससी- एसटी मुद्दे पर अपनी राय रखी है। मीडिया को दिए अपने इंटरव्यू में सोलंकी ने कहा कि सरकार के गठन में SC-ST के वोटों की अहम भूमिका रही है। लिहाजा SC-ST के विधायकों को अब दमदार विभागों का मंत्री बनाना चाहिए। इन्हें जनता से जुड़े दमदार विभाग देकर ताकतवर बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नाम मात्र के प्रतिनिधि बनाने से कुछ नहीं होगा। सोलंकी का कहना है कि SC-ST में बहुत से वरिष्ठ विधायक हैं जो पांच-पांच बार जीते हुए हैं, उन्हें मंत्री बनाना चाहिए।
पायलट समर्थक पूर्व मंत्री रमेश मीणा ने लगाया था पहले भेदभाव का आरोप
आपको बता दें कि इससे पहले सचिन पायलट के समर्थक विधायक रमेश मीणा ने प्रदेश सत्ता व संगठन दोनों पर अनुसूचति जाति (एससी ) अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अल्पसंख्यक विधायकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था। उन्होंने मीडिया के सामने कहा था कि कोरोना काल में सदन में बैठने की व्यवस्था में हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। सदन के भीतर एससी, एसटी और अल्पसंख्यक विधायकों को जान-बूझकर बिना माइक वाली सीटों पर पीछे बिठाया जा रहा है। सदन में विधायकों के बैठने की व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की है। सरकार हमारी आवाज को दबा रही है।
पायलट खेमे का जल्द मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का दबावजानकारों की मानें, तो सचिन पायलट खेमा सुलह के बाद से लगातार मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के लिए दबाव बना रहा है। इधर मुख्यमंत्री जल्द विस्तार के मूड में नहीं है। पायलट खेमे की बगावत के बाद बनी सुलह कमेटी बनाई गई थी। इस संबंध में पीसीसी में मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा था कि सुलह कमेटी में जिन मुद्दों पर सहमति बनी थी, उन पर अब कार्रवाई होनी चाहिए। जल्द उपचुनाव हो जाएंगे, पांच राज्यों के चुनाव भी जल्द खत्म होंगे, लिहाजा तो देरी का कोई कारण नहीं बचता। पायलट ने इस दौरान जल्द ही मंत्रिमण्डल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों होने की उम्मीद भी जताई थी। जानकारों की मानें, तो अब मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के साथ पायलट खेमे ने यह संकेत दिए हैं कि सुलह कमेटी के सामने रखी गई मांगों को जल्द पूरा करने के लिए भी आवाज मुखर करेंगे।