सिरोही: कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) और अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बीच 'जुबानी जंग' चल रही है। सचिन पयालट ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री के सलाहकार और सिरोही के निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने गुरुवार को सचिन पायलट पर जमकर हमला बोला। विधायक संयम लोढ़ा ने सचिन पायलट पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब पायलट को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब भी वो रूठ गए थे। उन्होंने कहा कि विधानसभा में एक पीतल का गेट है। उस गेट से सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन लोग आते हैं। उस गेट से जाने के लिए पहले सचिन पायलट रूठ गए। फिर सचिवालय की बात आई तो जिद्द पकड़ कर बैठ गए कि मुख्यमंत्री कार्यालय में ही मेरा ऑफिस होगा। वो हो नहीं सकता था तो फिर रूठ गए। फिर उपमुख्यमंत्री से हट गए तो जो सरकारी बंगला मिला, वो अब तक खाली नहीं किया। उपमुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद सीनियरटी नहीं होने के बाद भी आगे की सीट ली।
'नाखून कटवा' कर शहीद बनना चाहते पायलट: सीएम के सलाहकार
संयम लोढ़ा ने कहा कि वसुंधरा राजे के शासन काल के भ्रष्टाचार के जिन मुद्दों का जिक्र पायलट कर रहे है, उन्हें मैंने पूरे 5 साल उठाया। तब वो हमारे साथ खड़े नहीं हुए। पेपर लीक के मामले में भी हमारे साथ खड़े नहीं रहे। अब 'नाखून कटवा' कर सचिन पायलट शहीद बनना चाहते हैं। यह राजस्थान की जनता है। सब जानती है। चुनावी वर्ष में सब याद क्यों आता है। पायलट को पिछली सरकारों के घोटालों की याद क्यों आ रही है, सब अच्छी तरह जानते हैं।
राजस्थान: कौन है ये शख्स जिसके पैरों में झुके Sachin Pilot, हजारों की भीड़ में क्या संदेश देने की कोशिश?संयम लोढ़ा ने दी सचिन पायलट को नसीहत
सचिन पायलट को नसीहत देते हुए संयम लोढ़ा ने कहा कि पायलट खुद को हंसी का पात्र ना बनाएं, जिस पार्टी में हो, उस पार्टी के अनुशासन और मर्यादा में काम करें। पायलट बार-बार ये जरूर कहते हैं कि हम लड़े, हमें जनता ने खड़ा किया और हमें खड़ा किया तो हम जीत गए। उनकी बातों को समाज गंभीरता से नहीं लेता है। और जो पायलट के साथ दिख रहे हैं, ये सब प्रायोजित है।