बेंगलुरु
बेंगलुरु में सोमवार शाम बारिश शुरू हो गई, जिसके बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तेज बारिश की वजह से बेंगलुरु की ट्रैफिक व्यवस्था भी धीमी दिखाई दी।
बारिश का असर मल्लेश्वरम समेत कई अन्य जगहों में देखने को मिला। मौसम विभाग ने इस साल देश के हर इलाके में बेहतर बारिश का अनुमान जताया है। हालांकि, आईएमडी ने अपने अनुमान में यह भी कहा है कि इस बार मानसून 15 मई को आएगा लेकिन बेंगलुरु में सोमवार को ही बारिश हो गई। भारतीय मौसम विभाग ने यह भी अनुमान जताया है कि पूरे सीजन में लगभग 97 फीसदी बारिश हो सकती है।
पढ़ें: इस साल मॉनसून रहेगा सामान्य, अच्छी बारिश की संभावना: मौसम विभाग
भारतीय मौसम विभाग के डीजी के जी रमेश ने कहा, 'मॉनसून का लंबी अवधि (एलपीए) का औसत 97 फीसदी रहेगा जो कि इस मौसम के लिए सामान्य है। कम मॉनसून की बहुत कम संभावना है। इससे पहले मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काइमेट ने भी 4 अप्रैल को कहा था कि 2018 में मॉनसून 100 फीसदी सामान्य रहने की संभावना है। बारिश यदि एलपीए के 96-104 फीसदी हो तो इसे सामान्य मॉनसून कहा जाता है। सामान्य से अधिक मॉनसून में बारिश एलपीए के 104-110 फीसदी होती है। एलपीए के 110 फीसदी से अधिक होने पर इसे अत्यधिक कहा जाता है।
'सामान्य से ज्यादा होगी बारिश'
मौसम विभाग के मुताबिक, 42 फीसदी संभावना सामान्य वर्षा की है जबकि 12 फीसदी आसार हैं कि बारिश सामान्य से अधिक होगी। इसका मतलब है कि देश में बारिश सामान्य से अधिक होने की अच्छी संभावना है। मॉनसून मई के अंतिम सप्ताह या जून के पहले सप्ताह में केरल पहुंच सकता है।
बेंगलुरु में सोमवार शाम बारिश शुरू हो गई, जिसके बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तेज बारिश की वजह से बेंगलुरु की ट्रैफिक व्यवस्था भी धीमी दिखाई दी।
बारिश का असर मल्लेश्वरम समेत कई अन्य जगहों में देखने को मिला। मौसम विभाग ने इस साल देश के हर इलाके में बेहतर बारिश का अनुमान जताया है। हालांकि, आईएमडी ने अपने अनुमान में यह भी कहा है कि इस बार मानसून 15 मई को आएगा लेकिन बेंगलुरु में सोमवार को ही बारिश हो गई। भारतीय मौसम विभाग ने यह भी अनुमान जताया है कि पूरे सीजन में लगभग 97 फीसदी बारिश हो सकती है।
पढ़ें: इस साल मॉनसून रहेगा सामान्य, अच्छी बारिश की संभावना: मौसम विभाग
भारतीय मौसम विभाग के डीजी के जी रमेश ने कहा, 'मॉनसून का लंबी अवधि (एलपीए) का औसत 97 फीसदी रहेगा जो कि इस मौसम के लिए सामान्य है। कम मॉनसून की बहुत कम संभावना है। इससे पहले मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काइमेट ने भी 4 अप्रैल को कहा था कि 2018 में मॉनसून 100 फीसदी सामान्य रहने की संभावना है। बारिश यदि एलपीए के 96-104 फीसदी हो तो इसे सामान्य मॉनसून कहा जाता है। सामान्य से अधिक मॉनसून में बारिश एलपीए के 104-110 फीसदी होती है। एलपीए के 110 फीसदी से अधिक होने पर इसे अत्यधिक कहा जाता है।
'सामान्य से ज्यादा होगी बारिश'
मौसम विभाग के मुताबिक, 42 फीसदी संभावना सामान्य वर्षा की है जबकि 12 फीसदी आसार हैं कि बारिश सामान्य से अधिक होगी। इसका मतलब है कि देश में बारिश सामान्य से अधिक होने की अच्छी संभावना है। मॉनसून मई के अंतिम सप्ताह या जून के पहले सप्ताह में केरल पहुंच सकता है।