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अब अंतरिक्ष में भेजी जा सकेंगी इंसान की अस्थियां, जानें रेट

अग्निकुल कॉसमॉस स्‍टार्टअप अस्थियों को छोटे-छोटे मॉड्यूल में पैक करके अंतरिक्ष में एक खास कक्षा में स्‍थापित करेगा। यह मॉड्यूल कुछ दिनों तक उस कक्षा में रहेगा और उसके बाद यह गलकर जल जाएगा।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 12 Aug 2019, 2:53 pm

हाइलाइट्स

  • कहा जाता है कि इंसान दुनिया से अंतिम विदाई लेने के बाद अंतरिक्ष में सितारों के पास पहुंच जाता है
  • हम सितारों को देखकर यह समझते हैं कि हमारे प्रियजन आकाश से हमें देख रहे हैं और खुश होते हैं
  • रात में हम भी सितारों को निहारकर तसल्‍ली भी करते हैं कि इन्‍हीं सितारों के बीच हमारे पूर्वज भी होंगे
  • तकनीक के इस दौर अब इंसानी शरीर के अवशेषों को अंतरिक्ष में भेजने की सुविधा शुरू होने वाली है
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सांकेतिक तस्‍वीर
चेन्‍नै
अक्‍सर कहा जाता है कि इंसान इस दुनिया से अंतिम विदाई लेने के बाद अंतरिक्ष में सितारों के पास पहुंच जाता है। हम सितारों को देखकर यह समझते हैं कि हमारे प्रियजन आकाश से हमें देख रहे हैं। हम भी रात में सितारों को निहारकर यह तसल्‍ली करते हैं कि इन्‍हीं सितारों के बीच कहीं न कहीं हमारे पूर्वज भी होंगे। अत्‍याधुनिक तकनीक के इस दौर अब इंसानी शरीर के अवशेषों को सीधे अंतरिक्ष में भेजने की सुविधा शुरू होने जा रही है। चेन्‍नै शहर का एक स्‍पेस स्‍टार्टअप अब लोगों को अपने प्रियजनों के अस्थियों को सीधे अंतरिक्ष में भेजने की सुविधा देने जा रहा है।
यह स्‍टार्टअप अस्थियों को छोटे-छोटे मॉड्यूल में पैक करके अंतरिक्ष में एक खास कक्षा में स्‍थापित करेगा। यह मॉड्यूल कुछ दिनों तक उस कक्षा में रहेगा और उसके बाद यह गलकर जल जाएगा। आईआईटी मद्रास के सहयोग से वर्ष 2021 तक स्‍टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस इंसानी शरीर के अवशेषों को अंतरिक्ष में भेजने की सुविधा शुरू करने जा रहा है। इसके लिए एक छोटे तीन चरणों वाले रॉकेट और सेमी क्रॉयोजनिक इंजन का इस्‍तेमाल किया जाएगा।

यह रॉकेट मानव शरीर के अवशेषों से भरे मॉड्यूल को पृथ्‍वी की निचली कक्षा में स्‍थापित करेगा। अग्निकुल के सीईओ श्रीनाथ रविचंद्रन ने कहा, 'यह थोड़ा अलग लॉन्‍च होगा लेकिन अगर रॉकेट की दृष्टिकोण से देखें तो यह एक जैसा ही है। आपको एक सैटलाइट की जरूरत होगी जिसमें इसे रखा जा सकेगा।' कंपनी तीन चरणों वाला रॉकेट बना रही है जो लिक्विड ऑक्‍सीजन और केरोसिन इंजन की मदद से चलेगा।

एक किलोग्राम पेलोड के लिए 10.6 लाख रुपये
कंपनी ने बताया कि यह रॉकेट 100 किलोग्राम का पेलोड लेकर पृथ्‍वी की निचली कक्षा में 600 किमी ऊंचाई पर ले जा सकेगा। वर्ष 2021 में रॉकेट के तैयार हो जाने के बाद अवशेषों को अंतरिक्ष में भेजने का पहला टेस्‍ट किया जाएगा। रविचंद्रन ने कहा कि यह परीक्षण अमेरिका के निजी अंतरिक्ष एजेंसी स्‍पेसएक्‍स के जून 2019 के मिशन की तरह से होगा। इसके तहत स्‍पेसएक्‍स 152 मृत लोगों के अवशेषों को लेकर अंतरिक्ष में गया था।

अग्निकुल कॉसमॉस कंपनी एक किलोग्राम पेलोड के लिए 10.6 लाख रुपये लेने पर विचार कर रही है। वहीं अमेरिकी कंपनी सेलेस्टिस एक ग्राम के लिए करीब 5 हजार डॉलर लेती है। कॉसमॉस का मानना है कि उनका रेट दुनिया में सबसे सस्‍ता होगा। आईआईटी मद्रास के प्रफेसर एसआर चक्रवर्ती ने कहा कि अंतरिक्ष से पटाखे फोड़ने के आइडिया पर भी काम कर रहे हैं जिसे पूरे देश में देखा जा सकेगा।

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