भारत के विभाजन के परिणास्वरूप पाकिस्तान अस्तित्व में आया था।
माधव ने कहा कि राष्ट्रपिता के बिल्कुल विपरीत मोहम्मद अली जिन्ना ने एक कट्टर राष्ट्रवादी के रूप में अभियान शुरू किया और अलगाववादी के रूप में अभियान खत्म किया, जिससे गांधी बेहद दुखी हुए। उन्होंने कहा कि गांधी हमेशा हिंदू-मुस्लिम के बीच मजबूत एकता के बड़े हिमायती थे।
‘सत्य ज्योति फिल्म्स’ के टी जी त्यागराजन द्वारा विमोचित अपनी किताब ‘पार्टिशंड फ्रीडम’ के बारे में माधव ने कहा कि जिन्ना का सांप्रदायिक रंग और महात्मा गांधी सहित तत्कालीन नेताओं द्वारा किया गया समझौता देश के लिए एक महंगा सबक रहा है।
‘तमिलनाडु यंग थिंकर्स फोरम’ और ‘जम्मू कश्मीर स्टडी सेंटर’ के तत्वावधान में आयोजित पुस्तक विमोचन-व्याख्यान चर्चा में माधव ने कहा, ‘‘किताब दो सबक सिखाती है: कभी भी विभाजनकारी और अलगाववादी व्यक्ति के साथ समझौता न करें, और देश की एकता सबसे बड़े बलिदान की मांग करती है।’’