चेन्नै
दिल्ली में दो दिनों में हुई हिंसा को लेकर सुपरस्टार रजनीकांत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। रजनीकांत ने कहा कि यह हिंसा केंद्र सरकार के खुफिया विभाग की विफलता है। मैं केंद्र सरकार की कड़ी निंदा करता हूं। रजनीकांत ने यह भी कहा कि अगर हिंसा की स्थिति नहीं संभलती है तो जो सत्ता पर काबिज हैं, उन्हें इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए।बताते चलें कि पूर्वी दिल्ली के इलाकों में हुई हिंसा में अब तक 27 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। दिल्ली में हुई हिंसा के बारे में रजनीकांत ने कहा कि हिंसा से कड़ाई से निपटना चाहिए था। रजनीकांत ने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शन को हिंसक नहीं होना चाहिए और उन्होंने अपने उस पुराने बयान को भी याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सीएए मुस्लिमों को प्रभावित करता है तो वह मुस्लिमों के साथ खड़े हैं।
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बीजेपी से रिश्ता जोड़ने पर नाराज हुए रजनीकांत
रजनीकांत ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'निश्चित तौर पर यह केंद्र सरकार की खुफिया विफलता है। मैं केंद्र सरकार की कड़ी निंदा करता हूं।' हालांकि, उन्होंने किसी का भी नाम नहीं लिया। हिंदी के अलावा तमिल और तमिल भाषाओं की फिल्मों में काम कर चुके रजनीकांत ने भारतीय जनता पार्टी से अपना नाता जोड़े जाने पर मीडिया पर नाराजगी भी जताई।
'इंटेलिजेंस फेल होने का मतलब है गृह मंत्रालय का फेल होना'
रजनीकांत ने आगे कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरान इंटेलिजेंस को और सतर्क रहना चाहिए था। उन्होंने अपना काम ठीक से नहीं किया। हिंसा को सख्ती से खत्म कर दिया जाना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि आगे से वे और सतर्क रहेंगे। इंटेलिजेंस के फेल होने का मतलब है कि गृह मंत्रालय फेल हुआ है। अगर वे सख्ती से नहीं निपट नहीं सकते तो उन्हें इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए। अब बहुत ज्यादा हो रहा है।'
'3 BJP नेताओं पर FIR को जल्द लें फैसला'
इशारों ही इशारों में आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए रजनीकांत ने कहा कि हिंसा को पैदा होने से पहले ही खत्म कर देना चाहिए था। यह काम राज्य और केंद्र सरकार का था। रजनीकांत से यह पूछा गया कि क्या वह चाहते हैं कि सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों का दमन कर दिया जाए? इसपर रजनीकांत ने कहा, 'मैंने ऐंटी-सीएए आंदोलन के बारे में यह नहीं कहा, मेरा कहना है कि प्रदर्शनों में हिंसा नहीं होनी चाहिए।'
आपको बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर लंबे समय से जाफराबाद में प्रदर्शन चल रहा था। 23 फरवरी को प्रदर्शनकारियों ने मेन रोड पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसके विरोध में लोग सड़कों पर उतरे। बाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों में हिंसक झड़प हुई और कई दुकानों और घरों में आग लगा दी गई।
दिल्ली में दो दिनों में हुई हिंसा को लेकर सुपरस्टार रजनीकांत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। रजनीकांत ने कहा कि यह हिंसा केंद्र सरकार के खुफिया विभाग की विफलता है। मैं केंद्र सरकार की कड़ी निंदा करता हूं। रजनीकांत ने यह भी कहा कि अगर हिंसा की स्थिति नहीं संभलती है तो जो सत्ता पर काबिज हैं, उन्हें इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए।बताते चलें कि पूर्वी दिल्ली के इलाकों में हुई हिंसा में अब तक 27 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं।
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रजनीकांत ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'निश्चित तौर पर यह केंद्र सरकार की खुफिया विफलता है। मैं केंद्र सरकार की कड़ी निंदा करता हूं।' हालांकि, उन्होंने किसी का भी नाम नहीं लिया। हिंदी के अलावा तमिल और तमिल भाषाओं की फिल्मों में काम कर चुके रजनीकांत ने भारतीय जनता पार्टी से अपना नाता जोड़े जाने पर मीडिया पर नाराजगी भी जताई।
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रजनीकांत ने आगे कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरान इंटेलिजेंस को और सतर्क रहना चाहिए था। उन्होंने अपना काम ठीक से नहीं किया। हिंसा को सख्ती से खत्म कर दिया जाना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि आगे से वे और सतर्क रहेंगे। इंटेलिजेंस के फेल होने का मतलब है कि गृह मंत्रालय फेल हुआ है। अगर वे सख्ती से नहीं निपट नहीं सकते तो उन्हें इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए। अब बहुत ज्यादा हो रहा है।'
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इशारों ही इशारों में आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए रजनीकांत ने कहा कि हिंसा को पैदा होने से पहले ही खत्म कर देना चाहिए था। यह काम राज्य और केंद्र सरकार का था। रजनीकांत से यह पूछा गया कि क्या वह चाहते हैं कि सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों का दमन कर दिया जाए? इसपर रजनीकांत ने कहा, 'मैंने ऐंटी-सीएए आंदोलन के बारे में यह नहीं कहा, मेरा कहना है कि प्रदर्शनों में हिंसा नहीं होनी चाहिए।'
आपको बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर लंबे समय से जाफराबाद में प्रदर्शन चल रहा था। 23 फरवरी को प्रदर्शनकारियों ने मेन रोड पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसके विरोध में लोग सड़कों पर उतरे। बाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों में हिंसक झड़प हुई और कई दुकानों और घरों में आग लगा दी गई।