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शहरीकरण से बढ़ रही हैं बेंगलुरु की मुश्किलें?

​जिस तेजी के साथ बेंगलुरु का शहरीकरण हो रहा है उसके नुकसान बेहद भीषण हो सकते हैं। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक तेजी से हो रहे औद्योगिकरण की वजह से बेंगलुरु को इस बार अप्रत्याशित भारी मॉनसून का सामना करना पड़ा है।

बेंगलुरु मिरर 24 Sep 2017, 12:12 pm
गुरुराज, बेंगलुरु
नवभारतटाइम्स.कॉम तेजी से हो रहा है बेंगलुरु का शहरीकरण
तेजी से हो रहा है बेंगलुरु का शहरीकरण

जिस तेजी के साथ बेंगलुरु का शहरीकरण हो रहा है उसके नुकसान बेहद भीषण हो सकते हैं। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक तेजी से हो रहे औद्योगिकरण की वजह से बेंगलुरु को इस बार अप्रत्याशित भारी मॉनसून का सामना करना पड़ा है।

भारतीय विज्ञान संस्थान के प्रफेसर टीवी रामचंद्र ने बताया कि शहर ने 88 प्रतिशत हरित क्षेत्र और 79 प्रतिशत जलस्रोत खो दिए हैं। इसकी वजह से शहर को अर्बन हीट आइलैंड का खतरा है। इसकी वजह से शहर के बीच का इलाका बाहरी ग्रामीण इलाके से गर्म रहता है।

दरअसल, प्रदूषण के कारण गर्म हवा बनी रहती है। इसके साथ ही कम दबाव होने की वजह से बारिश होती है।

हालांकि, कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा मॉनिटरिंग सेन्टर के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी ने बारिश में ज्यादा बढ़ोतरी की बात को नकारा है। उनका कहना है आसपास के इलाकों की तुलना में बेंगलुरु में ठीक-ठाक बारिश हो रही है। दरअसल, बहुत अधिक बारिश ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रही है और शहर का इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में उसकी तीव्रता बढ़ जाती है।

एक शोध के मुताबिक राज्य में बारिश 2 से 3 प्रतिशत तक बढ़ गई है। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा मॉनिटरिंग सेन्टर के एक शोध में पता लगा है कि अगर 50 प्रतिशत इमारतें रेनवॉटर हारवेस्टिंग का इस्तेमाल करें तो बारिश में बह जाने वाले पानी का 32 प्रतिशत प्रयोग में लाया जा सकता है।

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