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सरकारी आयोजनों में स्कूली छात्रों को शामिल करना बंद होः मद्रास हाई कोर्ट

सरकारी आयोजनों और रैलियों में भीड़ बढ़ाने के लिए बच्चों को बुलाए जाने पर हाई कोर्ट मद्रास ने रोक लगा दी है।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 28 Sep 2017, 3:36 pm
चेन्नै
नवभारतटाइम्स.कॉम प्रतीकात्मक चित्र
प्रतीकात्मक चित्र

मद्रास हाई कोर्ट ने स्कूली छात्रों के सरकारी आयोजनों में शामिल होने पर रोक लगा दी है। तमिलनाडू सरकार की तरफ से पूर्व मुख्य मंत्री एमजी रामाचंद्रन के शताब्दी समारोह में छात्रों का शामिल होना आवश्यक किया था। जिस पर हाई कोर्ट ने बुधवार को नाराजगी जाहिर करते हुए ऐसे कार्यक्रमों में स्कूली बच्चों को एकत्र करने पर रोक लगा दी है।

जस्टिस एस वैद्यनाथन और जस्टिस आर सुब्रामनियन ने यह आदेश चेंज इंडिया के ए नारायण की पीआईएल पर दिया, जिसमें उन्होंने पब्लिक मीटिंग में बच्चों को शामिल किए जाने पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट में राज्य सरकार के डिप्टी सेकेट्री पी सेकर की तरफ से दिए गए शपथ पत्र में कहा गया कि जिस आयोजन में बच्चों को बुलाया गया था वह उन्हें प्रेरित करने वाला एक ट्रेनिंग प्रोग्राम था। स्कूली छात्रों को उस कार्यक्रम से पढ़ाई और उनकी पढ़ाई से उनको निजात दिलाने वाला होता।

उन्होंने शपथ पत्र में यह कहा कि 30 सितंबर को आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम स्कूली बच्चों के जीवन के लिए और उनके उत्थान के लिए बहुत सहायक होता। इस तरह के कार्यक्रम सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए जरूरी हैं। बच्चों के लिए कार्यक्रम सुबह के समय आयोजित किया जा रहा है जबकि शताब्दी समारोह का सरकारी कार्यक्रम शाम को आयोजित होना है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में स्कूली छात्रों का शामिल होना जरूरी नहीं किया गया था, बल्कि उन्हें उनकी रुचि के अनुसार आने को कहा गया।

सरकार की तरफ से इस मामले में गुरुवार को विशेष कोर्ट लगाने का आग्रह किया गया, क्योंकि शुक्रवार से नवरात्रि की छुट्टी कोर्ट में हो रही है। इमरजेंसी के आधार पर कोर्ट ने गुरुवार को सुबह साढ़े दस बजे का समय पीआईएल की सुनवाई के लिए रखा। याचिका कर्ता ने कोर्ट से मांग की कि शिक्षा विभाग, पुलिस और स्कूलों के लिए एक गाइड लाइन बनाने का आदेश दें। जिसमें पब्लिक आयोजन, रैलियों, शिक्षा संस्थाओं के बाहर होने वाले आयोजनों में बच्चों को न शामिल किया जाए।

इस खबर को अंग्रेजी पढ़ें: Stop using school students for govt events: High Court to Tamil Nadu

नारायण ने कोर्ट के सामने टाइम्स ऑफ इंडिया की 30 अगस्त को प्रकाशित वह खबर रखीं जिसमें शताब्दी समारोह में छात्रों के आने को जरूरी करने की खबरें प्रकाशित की गई थीं। खबर में लिखा गया था कि सरकारी स्कूलों, शिक्षण संस्थानों, छात्रों और दूसरे सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बच्चे जो कांचीपुरम जिले में पढ़ते हैं उन पर वैंडलूर के वीजीपी ग्राउंड में आयोजित शताब्दी समारोह में आने का दबाव बनाया जा रहा है। बहुत सारे अभिभावकों ने इस मामले में आपत्ति दर्ज की थी। यहां तक की स्कूल टीचर्स ने भी इसे गलत बताया था।

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