चेन्नै/नागपत्तनम
तमिलनाडु के नागपत्तनम जिले में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को क्षति पहुंचाए जाने पर सियासत गरमा गई है। राजनीतिक नेताओं ने एक सुर में इस घटना की निंदा की और कहा कि इसके पीछे फासीवादी ताकतों का हाथ है। नागपत्तनम जिले के वेदरनयम में सोमवार को शांति रही। अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त प्रतिमा की जगह नई प्रतिमा लगाने के लिए तेजी से काम किया।
इस बीच कोयंबटूर में दो सरकारी बसों पर पथराव किया गया। पुलिस को आशंका है कि इस घटना के पीछे किसी उग्रपंथी संगठन का हाथ है। रविवार को वेदरनयम में हुई झड़प में दो लोग घायल हो गए थे और कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया था। इस दौरान आंबेडकर की एक प्रतिमा को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इतना ही नहीं हालात को काबू में करने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया गया।
पुलिस ने इस झड़प के संबंध में दोनों गुटों के 58 लोगों को पकड़ा है। जांच जारी है और झड़प के जिम्मेदार लोगों की पहचान की जा रही है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए 750 से अधिक पुलिसकर्मी शहर में तैनात किए गए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि एक एसयूवी वाहन से एक दलित युवक घायल हो गया जिसके बाद हिंसा भड़क गई। आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने की कई विपक्षी दलों ने निंदा की है।
डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा, 'फासीवादी ताकतों ने लोकतांत्रिक राजनीति का नकाब ओढ़कर जहर के बीज बोए हैं जिसके परिणामस्वरूप पेरियार और आंबेडकर की प्रतिमाएं टूटी हैं।' पूर्व में तर्कवादी नेता ईवीआर पेरियार की प्रतिमाओं को भी राज्य के कुछ स्थानों पर क्षति पहुंचाई जा चुकी है। स्टालिन ने इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए दंगाइयों की पहचान करने की मांग की।
एमडीएमके संस्थापक एवं राज्यसभा सदस्य वाइको, CPM के प्रदेश सचिव के बालाकृष्णन और CPI के प्रदेश सचिव आर मुतारसरण ने भी आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने की निंदा की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस बीच एक हिंसक घटना में कोयंबटूर में पथराव में दो बसें क्षतिग्रस्त हो गईं। पुलिस ने बताया कि इसी तरह मेट्टुपालयम रोड पर नए बस अड्डे में खड़ी बस पर पथराव की एक और सूचना सामने आई है, जिससे बस क्षतिग्रस्त हो गई। इन दो घटनाओं के बाद पुलिस ने बताया कि वे तमिल पुलिगल पार्टी पर नजर रखे हुए हैं।
तमिलनाडु के नागपत्तनम जिले में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को क्षति पहुंचाए जाने पर सियासत गरमा गई है। राजनीतिक नेताओं ने एक सुर में इस घटना की निंदा की और कहा कि इसके पीछे फासीवादी ताकतों का हाथ है। नागपत्तनम जिले के वेदरनयम में सोमवार को शांति रही। अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त प्रतिमा की जगह नई प्रतिमा लगाने के लिए तेजी से काम किया।
इस बीच कोयंबटूर में दो सरकारी बसों पर पथराव किया गया। पुलिस को आशंका है कि इस घटना के पीछे किसी उग्रपंथी संगठन का हाथ है। रविवार को वेदरनयम में हुई झड़प में दो लोग घायल हो गए थे और कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया था। इस दौरान आंबेडकर की एक प्रतिमा को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इतना ही नहीं हालात को काबू में करने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया गया।
पुलिस ने इस झड़प के संबंध में दोनों गुटों के 58 लोगों को पकड़ा है। जांच जारी है और झड़प के जिम्मेदार लोगों की पहचान की जा रही है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए 750 से अधिक पुलिसकर्मी शहर में तैनात किए गए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि एक एसयूवी वाहन से एक दलित युवक घायल हो गया जिसके बाद हिंसा भड़क गई। आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने की कई विपक्षी दलों ने निंदा की है।
डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा, 'फासीवादी ताकतों ने लोकतांत्रिक राजनीति का नकाब ओढ़कर जहर के बीज बोए हैं जिसके परिणामस्वरूप पेरियार और आंबेडकर की प्रतिमाएं टूटी हैं।' पूर्व में तर्कवादी नेता ईवीआर पेरियार की प्रतिमाओं को भी राज्य के कुछ स्थानों पर क्षति पहुंचाई जा चुकी है। स्टालिन ने इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए दंगाइयों की पहचान करने की मांग की।
एमडीएमके संस्थापक एवं राज्यसभा सदस्य वाइको, CPM के प्रदेश सचिव के बालाकृष्णन और CPI के प्रदेश सचिव आर मुतारसरण ने भी आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने की निंदा की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस बीच एक हिंसक घटना में कोयंबटूर में पथराव में दो बसें क्षतिग्रस्त हो गईं। पुलिस ने बताया कि इसी तरह मेट्टुपालयम रोड पर नए बस अड्डे में खड़ी बस पर पथराव की एक और सूचना सामने आई है, जिससे बस क्षतिग्रस्त हो गई। इन दो घटनाओं के बाद पुलिस ने बताया कि वे तमिल पुलिगल पार्टी पर नजर रखे हुए हैं।