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तमिलनाडु: अलागिरी का शक्ति प्रदर्शन, समर्थकों से पटा मरीना बीच

डीएमके में अपनी वापसी के लिए प्रयासरत करुणानिधि के बड़े बेटे एमके अलागिरी ने मरीना बीच पर अपने पिता की समाधि के पास शक्ति प्रदर्शन की तैयारी पूरी कर ली है। सुबह से ही बड़ी संख्‍या में अलागिरी समर्थकों का कारवां मरीना बीच की ओर बढ़ रहा है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 5 Sep 2018, 10:37 am
चेन्‍नै
नवभारतटाइम्स.कॉम मरीना बीच पर करुणानिधि की समाधि और अलागिरी समर्थक
मरीना बीच पर करुणानिधि की समाधि और अलागिरी समर्थक

डीएमके में अपनी वापसी के लिए प्रयासरत करुणानिधि के बड़े बेटे एमके अलागिरी ने मरीना बीच पर अपने पिता की समाधि के पास शक्ति प्रदर्शन की तैयारी पूरी कर ली है। सुबह से ही बड़ी संख्‍या में अलागिरी समर्थकों का कारवां मरीना बीच की ओर बढ़ रहा है। अलागिरी यहां पर विशाल रैली को संबोधित करके अपने भाई और पार्टी अध्‍यक्ष एमके स्‍टालिन को अपनी ताकत का अहसास कराएंगे।

इस रैली से ठीक पहले अलागिरी ने हमारे सहयोगी चैनल टाइम्‍स नाउ से बातचीत में अपने फैसले पर दृढ़ नजर आए। उन्‍होंने कहा, 'डीएमके अब कमजोर है और मैं इसे मजबूत करना चाहता हूं। मेरी केवल एक मांग है कि मुझे पार्टी में दोबारा शामिल किया जाए।' रैली को देखते हुए राज्‍य के विभिन्‍न जिलों से अलागिरी समर्थक मरीना बीच पहुंच रहे हैं और वे यहां पर करुणानिधि को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

इन लोगों की एक ही मांग है कि अलागिरी को पार्टी में वापस लिया जाए ताकि पार्टी को बचाया जा सके। रैली की पूर्व संध्‍या पर अलागिरी ने मंगलवार को अपने समर्थकों से मुलाकात की और तैयारियों का जायजा लिया था। अलागिरी ने कहा, 'मुझे विश्‍वास है कि मेरे एक लाख समर्थक इस रैली में हिस्‍सा लेंगे।' अलागिरी को राज्‍य के दक्षिणी जिलों के समर्थकों से काफी उम्‍मीद है जहां उनका अच्‍छा-खास प्रभाव है।

बता दें कि अलागिरी को करुणानिधि ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्‍कासित कर दिया था। करुणानिधि के निधन के बाद अब अलागिरी पार्टी में वापस आना चाहते हैं लेकिन उन्‍हें न तो पार्टी से और न ही परिवार से कोई समर्थन मिल रहा है। अलागिरी के बेटे दयानिधि ने आशा जताई यह रैली सफल होगी। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें यह नहीं पता कि क्‍यों डीएमके उनके पिता को वापस शामिल नहीं कर रही है। इस बीच अलागिरी ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे रैली के दौरान शांति बनाए रखें।

स्टालिन के नेतृत्व पर लगातार सवाल
उल्‍लेखनीय है कि अलागिरी ने करुणानिधि के निधन के बाद स्‍टालिन का काफी विरोध किया था लेकिन अपने भाई के डीएमके अध्यक्ष बनने के बाद अब वह सुलह के मूड में नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों अलागिरी से जब सवाल किया गया कि क्या वह डीएमके में वापस जाएंगे, तो उन्होंने जवाब दिया, 'हम तो डीएमके में वापस जाने को तैयार हैं, मगर स्टालिन हमें वापस लेने को नहीं तैयार हैं।'

अलागिरी को 2014 में करुणानिधि ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था। वह स्टालिन के नेतृत्व पर लगातार सवाल खड़े करते आए हैं। स्टालिन के बड़े भाई अलागिरी ने करुणानिधि के निधन के बाद दावा किया था कि करुणानिधि के सच्चे और निष्ठावान कार्यकर्ता उनके साथ हैं। अलागिरी ने तो यहां तक कह दिया था कि स्‍टालिन के नेतृत्‍व में पार्टी बर्बाद हो जाएगी।

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