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कर्नाटक: टेक्स्टबुक कमिटी के चेयरमैन बोले- टीपू सुल्तान को किताबों से नहीं हटाया जा सकता

कन्नड़ साहित्यकार रामचंद्रप्ता को 2017 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने टेक्स्टबुक कमिटी का चेयरमैन बनाया था। उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान पर आधारित किताबों में चैप्टर्स पर पूरा विवाद अनुचित है।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 1 Nov 2019, 12:14 pm
बेंगलुरु
नवभारतटाइम्स.कॉम टीपू सुल्तान पर विवाद
टीपू सुल्तान पर विवाद

कर्नाटक में 18वीं शताब्दी के मैसूर शासक टीपू सुल्तान को लेकर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने एक दिन पहले ही कहा था कि सरकार स्कूल टेक्स्टबुक से टीपू सुल्तान पर आधारित चैप्टर्स हटाएगी। अब टेक्स्टबुक कमिटी का कहना है कि किताबों से ये पाठ्यक्रम नहीं हटाया जा सकता।

टेक्स्टबुक कमिटी के हेड बरागुर रामचंद्राप्पा ने कहा, 'मैंने अभी बीजेपी विधायक अपाचू रंजन द्वारा सरकार को भेजा गया पत्र देखा नहीं है जिसे कमिटी को बढ़ाया गया है।' उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन मैं अपने व्यक्तिगत सामर्थ्य से कह सकता हूं कि टीपू को इतिहास की किताबों से हटाया नहीं जा सकता है।'

कन्नड़ साहित्यकार रामचंद्राप्पा को 2017 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने टेक्स्टबुक कमिटी का चेयरमैन बनाया था। उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान पर आधारित किताबों में चैप्टर्स पर पूरा विवाद अनुचित है। उन्होंने कहा, 'एक से 10वीं क्लास के बच्चों को पढ़ाई जाने वाली किताबें सिर्फ शिक्षाप्रद होती हैं। यहां टीपू के पक्ष और विपक्ष में कई राय हो सकती हैं लेकिन इसे छात्रों के यूनिवर्सिटी लेवल पर पहुंचने तक के लिए सुरक्षित रखना चाहिए।'

इस मसले को उठाने वाले बीजेपी विधायक अपाचू रंजन का कहना है कि वह किताबों में टीपू पर आधारित चैप्टर्स के खिलाफ नहीं है बल्कि उन्हें एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के खिलाफ हैं। रंजन ने कहा, 'टीपू ने भारत में 1750 से 1799 तक शासन किया। जबकि हमारा इतिहास कहता है कि स्वतंत्रता की पहली लड़ाई 1857 में सैन्य विद्रोह के साथ शुरू हुई थी तो टीपू सुल्तान स्वतंत्रता सेनानी कैसे हो सकते हैं?'

विधायक का यह भी कहना है कि अगर चैप्टर हटाए नहीं जा सकते हैं तो कम से कम टीपू सुल्तान के नकारात्मक पहलू पर एक-दो अतिरिक्त लिखी जाएं। हालांकि रामचंद्राप्पा ने कहा, 'जहां तक मुझे याद है टेक्स्टबुक में यह कहीं नहीं लिखा है कि टीपू सुल्तान एक स्वतंत्रता सेनानी थे। हां, देशभक्त जरूर बताया गया होगा।'

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