मेंगलुरु
कर्नाटक के दो व्यापारी नया बिजनस शुरू करने के लिए कार से गुजरात के राजकोट गए थे। लॉकडाउन घोषित होते ही वे अपने घर वापस आने लगे लेकिन गुजरात के वलसाड में फंस गए। सख्ती के चलते उन्हें वलसाड से आगे जाने की अनुमति नहीं मिली, ऐसे में वे कार में किसी तरह गुजर-बसर रहे हैं। 21 दिन तक काटने के बाद जबसे लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा हुई है उनका धैर्य जवाब दे रहा है। वे घर जाने के लिए मदद मांग रहे हैं। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ के पुत्तुर निवासी दो बिजनसमैन राजकोट गए थे। एनजीओ और सोशल वर्कर उनकी मदद को आगे आए हैं और उनके लिए खाने- दवाइयों का इंतजाम कर रहे हैं। वहीं वॉशरूम जाने के लिए नजदीक के रेस्तरां का इस्तेमाल कर रहे हैं। दोनों व्यापारियों ने घर लौटने के लिए दक्षिण कन्नड़ की डेप्युटी कमिश्नर से मदद मांगी लेकिन उन्होंने वलसाड में अपनी समकक्ष से दोनों के रहने के लिए व्यवस्था करने के लिए कहा।
लॉकडाउन घोषित होने से गुजरात मे फंस गए व्यापारी
आशिक हुसैन और मोहम्मद तकीं राजकोट गए थे। वे वहां जल्द ही अपना बिजनस शुरू करने वाले थे। 20 मार्च को उन्होंने घर लौटने का निर्णय लिया क्योंकि कोविड-19 से स्थिति बिगड़ती जा रही था। मेंगलुरु लौटने के रास्ते में भिलाड के नजदीक उंबरगांव के चेकपोस्ट में उन्हें रोक लिया गया। 24 मार्च को लॉकडाउन घोषित कर दिया गया तो वे वहीं फंसे गए रह गए।
सोशल वर्कर और रेस्तरां मालिक ने मदद की
हुसैन ने बताया, 'स्थानीय सोशल वर्कर कशफ सईद ने हमारे लिए खाना और दवाइयों की व्यवस्था की।' उन्होंने बताया, 'लॉकडाउन के चलते हमें कोई कमरा नहीं मिल सका इसलिए हम अपनी कार मे ही इतने दिन तक रहने को मजबूर हैं।'
प्रशासन से मांग रहे हैं घर जाने के लिए मदद
हुसैन बताते हैं, 'नजदीक के एक रेस्तरां मालिक ने हमें बाथरूम और टॉइलट इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। हमने कई लोगों के आगे मदद मांगी कि कोई हमें घर तक पहुंचा दे लेकिन कोई आगे नहीं आया।' हुसैन ने कहा कि अब वे और ज्यादा चिंतित हैं क्योंकि लॉकडाउन मई तक बढ़ गया है। वे दक्षिण कन्नड़ प्रशासन और विधायकों से भी घर तक पहुंचने के लिए मदद मांग रहे हैं।
कर्नाटक के दो व्यापारी नया बिजनस शुरू करने के लिए कार से गुजरात के राजकोट गए थे। लॉकडाउन घोषित होते ही वे अपने घर वापस आने लगे लेकिन गुजरात के वलसाड में फंस गए। सख्ती के चलते उन्हें वलसाड से आगे जाने की अनुमति नहीं मिली, ऐसे में वे कार में किसी तरह गुजर-बसर रहे हैं। 21 दिन तक काटने के बाद जबसे लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा हुई है उनका धैर्य जवाब दे रहा है। वे घर जाने के लिए मदद मांग रहे हैं।
लॉकडाउन घोषित होने से गुजरात मे फंस गए व्यापारी
आशिक हुसैन और मोहम्मद तकीं राजकोट गए थे। वे वहां जल्द ही अपना बिजनस शुरू करने वाले थे। 20 मार्च को उन्होंने घर लौटने का निर्णय लिया क्योंकि कोविड-19 से स्थिति बिगड़ती जा रही था। मेंगलुरु लौटने के रास्ते में भिलाड के नजदीक उंबरगांव के चेकपोस्ट में उन्हें रोक लिया गया। 24 मार्च को लॉकडाउन घोषित कर दिया गया तो वे वहीं फंसे गए रह गए।
सोशल वर्कर और रेस्तरां मालिक ने मदद की
हुसैन ने बताया, 'स्थानीय सोशल वर्कर कशफ सईद ने हमारे लिए खाना और दवाइयों की व्यवस्था की।' उन्होंने बताया, 'लॉकडाउन के चलते हमें कोई कमरा नहीं मिल सका इसलिए हम अपनी कार मे ही इतने दिन तक रहने को मजबूर हैं।'
प्रशासन से मांग रहे हैं घर जाने के लिए मदद
हुसैन बताते हैं, 'नजदीक के एक रेस्तरां मालिक ने हमें बाथरूम और टॉइलट इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। हमने कई लोगों के आगे मदद मांगी कि कोई हमें घर तक पहुंचा दे लेकिन कोई आगे नहीं आया।' हुसैन ने कहा कि अब वे और ज्यादा चिंतित हैं क्योंकि लॉकडाउन मई तक बढ़ गया है। वे दक्षिण कन्नड़ प्रशासन और विधायकों से भी घर तक पहुंचने के लिए मदद मांग रहे हैं।