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NHAI ने 18 घंटे से भी कम समय में बना दिया 25 किमी-लेन हाइवे, लिम्का बुक में दर्ज होगा कारनामा

राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के क्षेत्र में भारत ने रविवार को एक कीर्तिमान हासिल किया है। सोलापुर-बीजापुर सेक्शन में हाइवे निर्माण के दौरान 25.54 लेन-किमी (तकरीबन 12.77 किमी) की सड़क 18 घंटे से भी कम समय में बिछा दी गई। इसे लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 28 Feb 2021, 3:47 pm

हाइलाइट्स

  • एनएचएआई ने रविवार को हाइवे निर्माण में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है
  • 25 किमी लेन-किमी सड़क का निर्माण 18 घंटे से भी कम समय में पूरा किया
  • गडकरी ने दी जानकारी, लिम्का-बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में दर्ज होगा कारनामा

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हैदराबाद
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सड़क निर्माण के क्षेत्र में रविवार को एक अहम कीर्तिमान हासिल किया है। सोलापुर-बीजापुर सेक्शन में 25.54 लेन-किमी (तकरीबन 12.77 किमी) की सड़क रेकॉर्ड 18 घंटे से भी कम समय में बिछा दी गई। अब इस रेकॉर्ड को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में दर्ज किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने भी ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
देश की यह पहली राजमार्ग परियोजना है, जिसे लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में शामिल किया जाएगा। आईजेएमआई टीम के लीडर एम वेंकटेश्वर ने बताया कि यह कारनामा काफी चुनौतीपूर्ण था। इसमें शामिल सभी वाहनों को तकरीबन 18 हजार 701 किमी की अनुमानित रैखिक दूरी 18 घंटे से भी कम समय में तय करनी पड़ी थी। यह लद्दाख से कन्याकुमारी तक की पांच एकतरफा यात्रा के बराबर की दूरी है। बता दें कि एनएच-44 पर लद्दाख से कन्याकुमारी की दूरी 3810 किमी है।

चुनौतियों भरा था यह कारनामा


चार लेन के इस हाइवे के एक तरफ 12.77 किमी के दो लेन का निर्माण कंपनी ने किया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने हाल ही में सोलापुर-विजापुर राजमार्ग पर 4-लेनिंग कार्य के अंतर्गत 25.54 किलोमीटर के सिंगल लेन डांबरीकरण काम को 18 घंटे में पूरा किया है, जिसे 'लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड्स' में दर्ज किया जाएगा।'


गडकरी ने कहा कि ठेकेदार कंपनी के 500 कर्मचारियों ने इसके लिए मेहनत की है। मैं उन कर्मचारियों सहित राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक, अधिकारी, ठेकेदार कंपनी के प्रतिनिधि और परियोजना अधिकारियों का अभिनंदन करता हूं। गौरतलब है कि मलेशिया की IJM कंस्ट्रक्शन बरहाद की भारतीय सहयोगी टीम आईजेएम इंडिया इस राजमार्ग का निर्माण कर रही है।

लेन-किमी कॉन्सेप्ट
बता दें कि भारत सरकार ने अप्रैल 2018 से हाइवे निर्माण में मापन के लिए परंपरागत रैखिक (Linear Method) पद्धति की बजाय लेन-किलोमीटर अवधारणा को स्वीकृति दी है। इसके तहत पूरे हाइवे की ओवरऑल लेंथ की बजाय प्रत्येक निर्मित लेन की लंबाई की गणना की जाती है।

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