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GHMC Elections Hyderabad: ओवैसी के गढ़ में बीजेपी के लिए हैदराबाद की लड़ाई इतनी महत्वपूर्ण क्यों है? 5 बड़ी बातें

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव (GHMC) के नतीजे अब से बस थोड़ी ही देर में आने वाले हैं। यहां सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के साथ ही कांग्रेस, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM), तेलूगु देसम पार्टी (TDP), CPM भी दांव आजमा रही हैं। लेकिन जिस पार्टी ने चुनाव प्रचार में सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया, वो है बीजेपी। महज स्थानीय निकाय के तौर पर देखे जा रहे चुनाव के लिए बीजेपी ने अमित शाह से लेकर योगी आदित्यनाथ तक स्टार प्रचारकों की फौज उतार दी।

नवभारतटाइम्स.कॉम 4 Dec 2020, 4:27 pm
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव (GHMC) में बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी बनती दिख रही है। पार्टी दिग्गजों के धुआंधार प्रचार अभियान के आगे ओवैसी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पछाड़ खाते दिख रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक के प्रचार के पीछे का लक्ष्य स्वाभाविक तौर से सिर्फ नगर निगम नहीं है। अब जब रिजल्ट में बीजेपी की बल्ले-बल्ले होती दिख रही है तो क्या 2023 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के साथ ही कांग्रेस, एआईएमआईएम और तेलूगु देसम पार्टी (TDP) के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है, इस पर गंभीर चर्चा होनी तय है।
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GHMC Elections Hyderabad: ओवैसी के गढ़ में बीजेपी के लिए हैदराबाद की लड़ाई इतनी महत्वपूर्ण क्यों है? 5 बड़ी बातें


​रोडशो से लेकर सभाएं, हैदराबाद में BJP के दिग्गजों की फौज

यह चुनाव भले ही नगर निगम का हो, लेकिन जिस आक्रमकता से बीजेपी यहां चुनाव लड़ी है, उससे पूरे देश की निगाहें इस पर जमी हैं। देश के किसी भी नगर निगम चुनाव को बीजेपी ने पहली बार इतनी आक्रमकता से लड़ा। चुनाव प्रचार के लिए पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को छोड़ अपनी पूरी फौज उतार दी। चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह हैदराबाद पहुंचे। इसके अलावा पार्टी ने स्मृति इरानी, प्रकाश जावड़ेकर, तेजस्वी सूर्या, देवेंद्र फडनवीस सरीखे नेताओं को भी चुनाव प्रचार में उतारा।

आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल!

बीजेपी इस चुनाव को तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव से सेमीफाइनल के तौर पर भी देख रही है। हालांकि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों में अभी काफी समय है। लेकिन उससे पहले बीजेपी अपनी स्थिति मजबूत करने के इरादे के साथ जुट गई है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है। इस नगर निगम में हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेडचल-मल्काजगिरि और संगारेड्डी समेत 4 जिले आते हैं। इस नगर निगम के अंदर 24 विधानसभा सीटें और 5 लोकसभा सीटें आती हैं।

​दक्षिण भारत के दुर्ग को साधने की कोशिश में बीजेपी

दक्षिण भारत अभी भी बीजेपी के लिए मुश्किल चुनौती सरीखा बना हुआ है। एक कर्नाटक को छोड़ दें तो आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल में बीजेपी का प्रभाव अधिक नहीं है। अपने दम पर बीजेपी खास प्रभाव नहीं छोड़ सकी है। चुनावों में अन्य दलों के साथ गठबंधन करके ही बीजेपी कुछ सीटों पर जीत दर्ज कर पाती है। इसलिए GHMC के चुनाव में परचम लहराकर दक्षिण भारत के अभियान को मजबूत करना चाहती है।

​बेहतर हुई BJP की स्थिति, मजबूती से जड़ें जमाने का इरादा

पिछले दो साल में बीजेपी ने तेलंगाना में अपनी स्थिति बेहतर की है। 2018 के विधानसभा चुनाव में महज एक सीट पाने वाली बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में चार सीटों पर कब्जा जमा लिया। इसके साथ ही कई सीटों पर पहले से बेहतर स्थिति रही। TRS पर भ्रष्टाचार और वंशवाद के आरोपों के साथ ही ओवैसी की AIMIM की स्थिति भी हैदराबाद से बाहर मजबूत नहीं है। ऐसे में बीजेपी सही मौके का फायदा उठाते हुए जड़ें जमाना चाहती है।

ओवैसी, TRS, कांग्रेस से है बीजेपी की लड़ाई

हैदराबाद नगर निगम में कुल वार्ड 150 हैं। सत्तारूढ़ टीआरएस सभी 150 वार्ड पर चुनाव लड़ रही है। बीजेपी 149 वार्ड, कांग्रेस 146 वार्ड पर, टीडीपी 106 वार्ड पर, एमआईएम 51 पर, सीपीआई 17 पर, सीपीएम 12 पर और दूसरे दल 76 वार्ड पर चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले 2016 में हुए पिछले चुनाव में सत्तारूढ़ दल टीआरएस के 99 और ओवैसी की एआईएमआईएम के 44 सीटों पर, जबकि बीजेपी को महज 5 सीटों पर ही जीत मिली थी। वहीं कांग्रेस ने सिर्फ 2 वार्ड जीते थे।

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