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Rewari Culture Politics: टीआरएस नेता बोलीं- गरीबों का कल्याण कभी 'मुफ्त की सौगात' नहीं होती

Telangana Latest News: मुफ्त की संस्कृति पर चल रही बहस के बीच तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की विधान पार्षद (एमएलसी) कविता कल्वाकुंतला ने मंगलवार को कहा कि समाज के गरीब तबके का कल्याण ‘‘मुफ्त की सौगात’’ नहीं है। कविता ने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएं जारी रहनी चाहिए।

Edited byसुजीत उपाध्याय | भाषा 9 Aug 2022, 11:43 pm
हैदराबाद: मुफ्त की संस्कृति पर चल रही बहस के बीच तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) की विधान पार्षद (एमएलसी) कविता कल्वाकुंतला ने मंगलवार को कहा कि समाज के गरीब तबके का कल्याण 'मुफ्त की सौगात' नहीं है। कविता ने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएं जारी रहनी चाहिए। कविता ने कहा कि यह राज्य और केंद्र की निर्वाचित सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह गरीबों का ख्याल रखे। उन्होंने कहा कि तेलंगाना की टीआरएस सरकार करीब 250 कल्याणकारी योजनाएं चलाती है। उन्होंने कहा क‍ि अब कल्याणकारी योजना को ‘मुफ्त की सौगात’ का तमगा देने की परिपाटी चल पड़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र, राज्य सरकार पर इन योजनाओं को बंद करने का दबाव बना रहा है।

यहां जारी बयान में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने कहा क‍ि टीआरएस इसका विरोध करती है, क्योंकि गरीब लोगों का कल्याण सरकार की जिम्मेदारी है और जिस तरह से आज पूरे देश में माहौल बनाया जा रहा है कि कल्याण मुफ्त की सौगात है, सही नहीं है। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपयों का कर्ज माफ करना वास्तव में मुफ्त की सौगात है।


कविता ने कहा क‍ि मेरा मनना है कि मुफ्त की सौगात वह है जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ने अब किया है, उसने फर्जीवाड़ा करने वाली एजेंसियों के 10 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर दिया है।यह मुफ्त की सौगात है।गरीबों का कल्याण मुफ्त की सौगात नहीं हो सकती। यह हमारी सामजिक जिम्मेदारी है और सरकार की भी।
लेखक के बारे में
सुजीत उपाध्याय
सुजीत उपाध्याय ने एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर, उत्तराखंड से एमए इन मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद ह‍िन्‍दुस्‍तान और दैन‍िक जागरण मेंं बतौर र‍िपोर्टर काम क‍िया। ज़ी मीड‍िया से ड‍िज‍िटल में शुरुआत। इंड‍िया डॉट कॉम ह‍िंंदी में दो साल काम करने के बाद नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन से जुड़े।... और पढ़ें

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