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हाथरस पर बिगड़े बोल, किसी ने लड़कियों को सिखाया संस्कार, किसी ने गन्ने के खेत में ही मिलने पर उठाया सवाल

Hathras case remarks: हाथरस केस को लेकर एक ओर देश में विरोध प्रदर्शन का दौर है तो दूसरी ओर नेताओं की संवेदनहीन बयानबाजी जारी है। बीजेपी नेता रंजीत श्रीवास्तव (BJP leader Ranjeet Srivastava) के ताजा बयान से लोगों का गुस्सा और बढ़ गया है। नेता के बेसिर-पैर वाले बयान पर महिला आयोग ने भी सवाल उठाए हैं।

नवभारतटाइम्स.कॉम 7 Oct 2020, 10:05 am
हाथरस केस (Hathras case) को लेकर पूरे देश का गुस्सा गर्म है, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो उल्टा पीड़िता पर ही सवाल उठा रहे हैं। एक 19 साल की दलित युवती के साथ निर्ममता से गैंगरेप के बाद उसे अधमरा छोड़ दिया जाता है। उसकी लाश को परिवार की बिना रजामंदी के जला दिया जाता है और नेता इसे छोटी-मोटी घटना बताते हैं। नया बयान यूपी के एक बीजेपी नेता का आया है जिनका कहना है कि लड़कियां गन्ने या बाजरे के खेत में ही क्यों मिलती हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। इससे पहले भी इस केस में जनप्रतिनिधियों के संवेदनहीन बयान आए हैं। ये नेता अक्सर विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरते रहे हैं। एक नजर इन बयानों पर-
नवभारतटाइम्स.कॉम controversial remarks of bjp leaders on hathras case victim
हाथरस पर बिगड़े बोल, किसी ने लड़कियों को सिखाया संस्कार, किसी ने गन्ने के खेत में ही मिलने पर उठाया सवाल


'गन्ने के खेत में ही क्यों मिलती हैं लड़कियां'- रंजीत श्रीवास्तव

हाथरस मामले में बाराबंकी के बीजेपी नेता रंजीत श्रीवास्तव का बेहद शर्मनाक बयान आया है। एक वायरल विडियो में वह कहते दिख रहे हैं, 'ये इस तरह की जितनी लड़कियां मरती हैं ये कुछ ही जगहों पर पाई जाती हैं। ये (लड़कियां) गन्ने के खेत में पाई जाती हैं, ये (लड़कियां) धान के खेत में ही मरी क्यों मिलती हैं? ये गेहूं के खेत में मरी क्यों नहीं मिलतीं? इनके मरने की जगह वही है और कहीं पे घसीटकर नहीं ले जाई जाती हैं। कोई इनको घसीटकर ले जाता नहीं है। तो आखिर ये घटनाएं इन्हीं जगहों पर क्यों होती हैं? ये पूरे देश स्तर पर जांच का विषय है।'

'बेटियों को संस्कार देने चाहिए'- सुरेंद्र सिंह

बलिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। सुरेंद्र सिंह ने हाथरस कांड पर टिप्पणी करते हुए कहा था, 'रेप की घटनाएं शासन की तलवार से नहीं रुक सकतीं। इस तरह की घटनाएं केवल संस्कार से ही रुक सकती हैं।' यहां तक तो ठीक था लेकिन इसके बाद वे बोले, 'सभी माता-पिता को अपनी बेटियों को एक संस्कारी वातावरण में शालीन व्यवहार करने का तरीका सीखाना चाहिए।'

मार्कंडेय काटजू बोले- बेरोजगारी की वजह से रेप

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने मार्कंडेय काटजू हाथरस केस को एक कदम और आगे ले जाकर बेरोजगारी से जोड़ दिया। उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा, ‘सेक्स मर्द की सामान्य इच्छा है। कहा भी जाता है कि खाने के बाद अगली जरूरत सेक्स होती है। भारत जैसे रूढ़िवादी देश में सेक्स शादी के बाद ही किया जा सकता है लेकिन जब बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है तो बड़ी संख्या में युवाओं की शादी नहीं होगी क्योंकि कोई लड़की बेरोजगार से शादी नहीं करेगी।’ अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि वह रेप को ठीक नहीं ठहरा रहे बल्कि इसकी निंदा करते हैं।

'हाथरस में कोई दुराचार नहीं हुआ'- विनय कटियार

बीेजेपी के चर्चित नेता विनय कटियार ने तो हाथरस मामले में रेप की घटना से सिरे से इनकार कर दिया। उनका कहना है, कोई दुराचार हाथरस में नहीं हुआ है। यह बेकार की बातें हैं और उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है उसी से उसकी मृत्यु हुई है। यह कहना गलत है कि प्रदेश की हालत ठीक नहीं है, बिल्कुल ठीक है। योगी के राज में कहीं कोई गड़बड़ी हो ही नहीं सकती।'

विपक्ष केवल छोटे-मोटे मुद्दे उठा रहा है- अजीत पाल

योगी सरकार के मंत्री भी हाथरस केस विवादित बयान दे चुके हैं। राज्यमंत्री अजीत पाल ने कहा, 'विपक्ष हावी है तो उसमें हमलोग क्या कर सकते हैं। विपक्ष के पास कोई काम नहीं है। जो भी छोटे मोटे मुद्दे आ रहे हैं, केवल वही उठाकर ला रहे हैं, जनहित का कोई कार्य नहीं रह गया है।'

रेप पर नेताओं के बेतुके बयान

महिलाओं के साथ रेप और अपराध के मामले में वरिष्ठ नेताओं के मुंह से कई बार संवेदनहीन बयान सुनने को मिले। मसलन समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का एक बयान बहुत चर्चा में रहा था जिस पर उनकी आलोचना भी हुई थी। रेप के मामलों पर मुलायम ने कहा था, 'लड़कों से गलती हो जाती है और इसके लिए उन्हें मौत की सजा नहीं देना चाहिए।'

वोट की कीमत बेटी की इज्जत से बढ़कर- शरद यादव

एलजेडी नेता शरद यादव ने तो वोट की तुलना बेटी की इज्जत से कर दी थी। जनवरी 2017 का उनका एक बयान है, 'वोट की कीमत बेटी की इज्जत से बढ़कर है। बेटी की इज्जत जाएगी तो गांव और मोहल्ले की इज्जत जाएगी। अगर वोट बिक गया तो देश की इज्जत जाएगी। पैसे की बदौलत आजकल वोट खरीदा और बेचा जा सकता है।'

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