प्रयागराज: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanapi Masjid) परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से सर्वे कराने की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। वाराणसी कोर्ट ने अप्रैल 2021 में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे एएसआई के जरिए कराने का आदेश दिया था। वाराणसी कोर्ट के इस फैसले को मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। यह सुनवाई जस्टिस प्रकाश पांडेश् की सिंगल बेंच में हुई थी। सोमवार को करीब एक घंटे सुनवाई चली। इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इस तरह कोर्ट का फैसला अब दो सप्ताह बाद आएगा।
पिछली सुनवाई में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का भारतीय पुरातत्व विभाग से सर्वे कराने पर लगी रोक के खिलाफ मंदिर पक्ष की तरफ से कहा गया कि तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए यह जांच जरूरी है। हिंदू पक्ष की ओर से दलील दी गई कि प्रथमदृष्टया सच बाहर लाने के लिए एएसआई से विवादित परिसर का सर्वे करवाया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि विवादित परिसर मंदिर का हिस्सा है। यह नंगी आंखों से देखने से भी स्पष्ट होता है। इसलिए सर्वे किया जाना चाहिए ताकि सच बाहर आ सके। अदालत ने साथ ही यह भी कहा कि इस मामले में पक्षकार 2 हफ्तों में अपनी दलीलें और दूसरे जरूरी दस्तावेज कोर्ट में जमाकर दें।
पिछली सुनवाई में ही एएसआई ने कहा था कि अगर कोर्ट आदेश देगी तो वह विवादित परिसर का सर्वेक्षण कर सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करेगी। साथ ही कोर्ट को यह जानकारी भी दी गई कि ज्ञानवापी के विवादित परिसर का उसकी तरफ से पहले कभी कोई सर्वे नहीं किया गया है।
पिछली सुनवाई में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का भारतीय पुरातत्व विभाग से सर्वे कराने पर लगी रोक के खिलाफ मंदिर पक्ष की तरफ से कहा गया कि तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए यह जांच जरूरी है। हिंदू पक्ष की ओर से दलील दी गई कि प्रथमदृष्टया सच बाहर लाने के लिए एएसआई से विवादित परिसर का सर्वे करवाया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि विवादित परिसर मंदिर का हिस्सा है। यह नंगी आंखों से देखने से भी स्पष्ट होता है। इसलिए सर्वे किया जाना चाहिए ताकि सच बाहर आ सके। अदालत ने साथ ही यह भी कहा कि इस मामले में पक्षकार 2 हफ्तों में अपनी दलीलें और दूसरे जरूरी दस्तावेज कोर्ट में जमाकर दें।
पिछली सुनवाई में ही एएसआई ने कहा था कि अगर कोर्ट आदेश देगी तो वह विवादित परिसर का सर्वेक्षण कर सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करेगी। साथ ही कोर्ट को यह जानकारी भी दी गई कि ज्ञानवापी के विवादित परिसर का उसकी तरफ से पहले कभी कोई सर्वे नहीं किया गया है।