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Atique News: अतीक की पत्‍नी Shaista Parveen की तलाश में छापे, अशरफ की ससुराल में छिपे होने की खबर थी

Shaista Parveen News: अतीक अहमद की पत्‍नी शाइस्‍ता परवीन अभी भी फरार है। पुलिस उसे अरेस्‍ट नहीं कर पाई है। शाइस्‍ता उमेश पाल मर्डर में आरोपी है और उस पर 50 हजार का इनाम है। अपने बेटे असद और पति अतीक के अंतिम संस्‍कार के समय भी पुलिस को उसका इंतजार था लेकिन वह कब्रिस्‍तान में नहीं पहुंची।

Curated byआलोक भदौरिया | नवभारतटाइम्स.कॉम 18 Apr 2023, 4:53 pm

हाइलाइट्स

  • प्रयागराज के मरियाडीह में अतीक की पत्‍नी शाइस्‍ता की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी है
  • प्रयागराज स्थित मरियाडीह इलाके के भरेठा गांव में अतीक के भाई अशरफ की ससुराल है
  • शाइस्‍ता परवीन पर 50 हजार का इनाम है, उसे अरेस्‍ट करने भारी संख्‍या में पुलिस पहुंची है
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प्रयागराज: प्रयागराज के मरियाडीह में अतीक (Atiq Ahmed News) की पत्‍नी शाइस्‍ता (where is shaista parveen) की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी है। मरियाडीह इलाके के भरेठा गांव में अतीक के भाई अशरफ की ससुराल है। शाइस्‍ता परवीन पर 50 हजार का इनाम है। उसे अरेस्‍ट करने भारी संख्‍या में पुलिस पहुंची है। शाइस्‍ता उमेश पाल मर्डर में साजिशकर्ता के तौर पर आरोपी है।शाइस्‍ता परवीन न तो अपने बेटे असद के अंतिम संस्‍कार में पहुंची न अतीक अहमद को दफनाए जाते समय।
यूपी एटीएस ने शाइस्‍ता परवीन की तलाश में मंगलवार सुबह से ही इलाके में कांबिंग की है। छापों के डर से शाइस्‍ता परवीन के मायके वाले घर छोड़कर भाग गए हैं। उमेश पाल मर्डर के बाद पुलिस ने शाइस्‍ता परवीन से शुरुआती बातचीत की और जाने दिया। लेकिन बाद में ऐसे सबूत हाथ लगे जिनसे पता चला कि उमेश पाल मर्डर में शाइस्‍ता ने हत्‍या की साजिश में अहम रोल निभाया था। इसके बाद से ही पुलिस उसे तलाश रही है।

इसी मर्डर में उमेश पाल को शूट करने वाला अतीक का बेटा असद 13 अप्रैल को झांसी में एनकाउंटर में मारा गया था। उसे शनिवार को दफनाया गया था। पुलिस को उम्‍मीद थी अपने बेटे को आखिरी बार देखने शइस्‍ता आएगी लेकिन वह नहीं आई। शनिवार रात को ही अतीक अहमद और अशरफ की हत्‍या हो गई। इसके बाद दोनों को रविवार रात को दफनाया गया। जिस समय दोनों के शव कसारी मसारी कब्रिस्‍तान लाए गए थे उस समय ऐसे इनपुट मिल रहे थे कि शाइस्‍ता पति को अंति‍म विदाई देने के लिए पुलिस के सामने सरेंडर करने वाली है। लेकिन बाद में सारी अटकलें झूठी साबित हुईं।
लेखक के बारे में
आलोक भदौरिया
आलोक भदौरिया असिस्टेंट न्यूज़ एडिटर हैं। 2008 से टाइम्‍स ग्रुप के सदस्य रहे हैं। पहले नवभारत टाइम्‍स प्रिंट दिल्‍ली में अब एनबीटी ऑन लाइन के साथ लखनऊ में।... और पढ़ें

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