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Teacher Retirement Age: शिक्षकों की रिटायरमेंट आयु सीमा 65 वर्ष करने पर रोक, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया ये बड़ा फैसला

UP Degree Colleges Teachers Retirement News: उत्तर प्रदेश में डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र सीमा को बढ़ाए जाने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। सरकार को इस संबंध में यूजीसी के दिशा-निर्देश के आधार पर कार्रवाई करने को कहा गया है।

Curated byराहुल पराशर | नवभारतटाइम्स.कॉम 30 Jun 2022, 9:49 am
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों की रिटायरमेंट आयु सीमा (Degree Colleges Teacher Retirement Age) पर बड़ा फैसला दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाई है। इससे पहले एकल पीठ ने डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र को 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का आदेश दिया था। सरकार इस फैसले के खिलाफ अपील में गई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद सरकार को इस आदेश के पालन करने पर राहत दे दी गई। एकल पीठ की ओर से तीन माह भीतर आदेश का अनुपालन करने का आदेश जारी किया गया था। आदेश की वैधता को लेकर विशेष अपील में चुनौती दिए जाने के बाद हाई कोर्ट ने एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाते हुए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के दिशा-निर्देश के तहत तीन माह में निर्णय लेने का आदेश दिया है।
नवभारतटाइम्स.कॉम Allahabad High Court


इलाहाबाद हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के क्रम में याचिकाकर्ता चंद्रमोहन ओझा और अन्य 21 शिक्षकों से दो सप्ताह में जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को इसके बाद चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है। हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 11 अगस्त की तारीख तय की है। जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए यह बड़ा आदेश जारी किया है।

राज्य सरकार की ओ से कहा गया था कि यूजीसी ने वर्ष 2010 में एक अधिनियम संशोधित किया और यूनिवर्सिटी-कॉलेज शिक्षकों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष कर दी। राज्य सरकार की ओर से 31 दिसंबर 2010 को इसे आंशिक रूप से लागू किया गया। साथ ही, कहा गया है कि जब तक यूनिवर्सिटी अपनी परिनियमावली संशोधित नहीं कर लेते हैं, तब तक इसका लाभ हायर एजुकेशन संस्थानों को नहीं मिल सकता है। सरकार ने कोर्ट में कहा कि एकल पीठ ने सरकार से जवाब मांगे बिना ही निर्देश जारी किया है। इसलिए, आदेश को रद्द किया जाए।
लेखक के बारे में
राहुल पराशर
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर डिजिटल कंटेंट क्रिएटर। पत्रकारिता में प्रभात खबर से शुरुआत। राष्ट्रीय सहारा, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक का सफर। डिजिटल जर्नलिज्म को जानने और सीखने की कोशिश। नित नए प्रयोग करने का प्रयास। मुजफ्फरपुर से निकलकर रांची, पटना, जमशेदपुर होते हुए लखनऊ तक का सफर।... और पढ़ें

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