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घर से लाइए खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान, मिलेंगे खरे-खरे नोट

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में केंद्र सरकार के 'ई-वेस्ट अवेयरनेस ऐंड सेव इन्वाइरनमेंट' प्रॉजेक्ट की लॉन्चिंग रविवार को हुई। इसके तहत हाईवे किनारे डाफी इलाके में पहला ई-वेस्ट (इलेक्ट्रॉनिक कचरा) कलेक्शन सेंटर खोला गया है।

नवभारत टाइम्स 17 Apr 2017, 6:05 pm
विकास पाठक, वाराणसी
नवभारतटाइम्स.कॉम e waste awareness and save environment project launched in varanasi
घर से लाइए खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान, मिलेंगे खरे-खरे नोट

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में केंद्र सरकार के 'ई-वेस्ट अवेयरनेस ऐंड सेव इन्वाइरनमेंट' प्रॉजेक्ट की लॉन्चिंग रविवार को हुई। इसके तहत हाईवे किनारे डाफी इलाके में पहला ई-वेस्ट (इलेक्ट्रॉनिक कचरा) कलेक्शन सेंटर खोला गया है। खासियत यह है कि घरों में पड़े बेकार पड़े फ्रिज, टीवी, सीएफएल, केबल, कीबोर्ड, मॉनीटर जैसे सामान देने के बदले में पैसा मिलेगा। इन सामानों को रीसाइकल कर बनाए गए उत्पाद को गरीबों को दिया जाएगा।

ई-वेस्ट से पर्यावरण को लगातार खतरा बढ़ने की आ रही रिपोर्ट को देखते हुए सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बनारस को ग्रीन और क्लीन बनाने का अभियान शुरू किया है। प्लान के मुताबिक फर्स्ट फेज में ई-वेस्ट से होने वाले खतरे से आगाह करने के साथ ही 6 कलेक्शन सेंटर खोले जाने हैं। उद्घाटन-समारोह की औपचारिकता के बिना पहला सेंटर खुलने के बावजूद इलेक्‍ट्रॉनिक कचरा जमा कर जेब भरने वालों की लाइन लग गई। सामान जमा किया और तुरंत हाथ में नोट आ गए।

कलेक्‍शन सेंटर में हर सामान का रेट तय है। खराब वॉशिंग मशीन या फ्रिज है तो उसे जमा करने पर 500 रुपये मिलेंगे। एसी के लिए 2000-2500 रुपये, सीआरटी मॉनीटर (प्रति) का 450, कीबोर्ड 5 रुपये प्रति पीस और सीएफल का 25 रुपये प्रति किलो मिलना तय है। इसी तरह अन्य सामान के भी दाम मिलेंगे।

केंद्र के इस प्रॉजेक्ट की जिम्मेदारी आईसीटी आधारित साईं इंस्टिट्यूट डिवेलपमेंट सेंटर ने संभाली है। इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर अजय सिंह ने बताया कि बनारस शहर के अलग-अलग इलाकों में ऐसे पांच और सेंटर खोलने की तैयारी जोरों पर है। महीने के अंत तक सभी सेंटर चालू हो जाएंगे। सेकंड फेज में आसपास के जिलों पर फोकस होगा।

बनेगी डाक्यूमेंट्री
शहर के हर इलाके और कॉलेजों में अवेयरनेस कार्यक्रम चलेगा। इसके लिए डॉक्यूमेंट्री तैयार कर बेकार टीवी और रेफ्रिजरेटर जैसे घरेलू ई-कचरे के जहरीले पदार्थों से प्रतिरोधक तथा प्रजनन क्षमता प्रभावित होने, हार्मोनल डिसआर्डर और कैंसर की संभावना बढ़ने के बारे में जानकारी दी जाएगी। डॉक्यूमेंट्री तैयार करने वाली टीम का चेयरमैन बीएचयू आईआईटी के पूर्व डायरेक्टर प्रो.एस.एन.उपाध्याय को बनाया गया है।

गरीबों की मदद होगी
कलेक्शन सेंटर पर जमा होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्‍स-इलेक्ट्रिक कचरे को रीसाइकलिंग के लिए चुनिंदा सेंटरों पर भेजा जाएगा। देश में अभी 150 रजिस्टर्ड रीसाइकलिंग सेंटर काम कर रहे हैं।रीसाइकलिंग से तैयार उत्पाद गरीब और जरूरतमंदों को दिए जाएंगे।

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