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Gyanvapi Case Hearing: अंजुमन इंतजामिया कमिटी ने नियमित पूजा की अनुमति का किया विरोध, कल भी होगी सुनवाई

Gyanvapi Masjid Case: अंजुमन इंतेजामिया ने वाराणसी की अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें पांच हिंदू महिलाओं द्वारा दायर वाद की पोषणीयता को लेकर उसकी आपत्ति खारिज कर दी गई थी। इन पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी देवताओं की नियमित पूजा की अनुमति मांगी है।

| Edited byआलोक भदौरिया | नवभारत टाइम्स 22 Dec 2022, 10:42 pm
प्रयागराज: ज्ञानवापी मस्जिद स्थित शृंगार गौरी की नियमित पूजा के मामले में बृहस्पतिवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी की ओर से पक्ष रखा गया। कहा गया कि नियमित पूजा उपासना स्थल अधिनियम से नियमित पूजा प्रतिबंधित है। इसलिए यहां नियमित पूजा की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। करीब सवा घंटे तक चली बहस के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई को शुक्रवार तक के लिए आगे बढ़ा दिया।
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ज्ञानवापी मस्जिद (फाइल फोटो)


अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की पीठ सुनवाई कर रही है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान केवल इंतजामिया कमिटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने बहस की। उन्होंने कुल तीन बिंदुओं पर अपना पक्ष रखा।

नकवी ने कहा कि जिला अदालत में शृंगार गौरी की नियमित पूजा के लिए दाखिल वाद सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि पहले तो यह उपासना स्थल कानून से प्रतिबंधित है। दूसरा मंदिर पक्ष यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि पूजा 1990 में रोकी गई या 1993 में। अगर इन दोनों ही तिथियों में नियमित पूजा रोकी गई तो यह लिमिटेशन ऐक्ट से प्रतिबंधित है। क्योंकि लिमिटेशन ऐक्ट से वाद केवल तीन वर्षों के भीतर ही दाखिल हो सकता है।

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