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ये बदमाश हैं, मजाक बना दिया है पुलिस का... जब 'मेधावी' छात्रा पर FIR लिखने वाले SO पर भड़के एडीजी, किया सस्पेंड

प्रयागराज एडीजी ने महोबा के एक एसओ को सस्पेंड करने का आदेश दिया है। एसओ ने यूपी बोर्ड की एक मेधावी छात्रा के खिलाफ धारा 354 के तहत केस दर्ज किया था। एफआईआर में छात्रा के माता-पिता भी आरोपी बनाए गए हैं।

Curated byराघवेंद्र शुक्ला | नवभारतटाइम्स.कॉम 28 Sep 2022, 4:40 pm
प्रयागराजः उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में यूपी बोर्ड की मेधावी छात्रा पर एसएचओ ने छेड़खानी की धारा लगाकर एफआईआर दर्ज किया है। रिपोर्ट में छात्रा की मां और उसके पिता भी आरोपी हैं। मामला एडीजी जोन प्रेम प्रकाश के सामने आया तो उन्होंने एसपी और एसचओ दोनों को तलब किया। दोनों की दलील सुनने के बाद एडीजी ने एसपी को निर्देश दिया कि वह एसएचओ को तत्काल निलंबित करें। मामला पुराने लेन-देन का है, जिसमें पीड़ित का किसी शख्स से विवाद चल रहा था। दुश्मनी निकालने के लिए उसके पूरे परिवार के खिलाफ छेड़खानी की धारा में केस दर्ज कराया गया है।
नवभारतटाइम्स.कॉम एडीजी की जनसुनवाई
एडीजी की जनसुनवाई


दरअसल, एडीजी जोन प्रयागराज प्रेम प्रकाश की जनसुनवाई चल रही थी। इस दौरान श्रीनगर थाने के ननौरा गांव के रहने वाले राकेश पटेरिया अपनी फरियाद लेकर आए। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने उनके सहित उनकी पत्नी और बेटी के खिलाफ धारा 354, 323, 504 और 506 के तहत केस दर्ज कराया है, जो फर्जी है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी यूपी बोर्ड की परीक्षा में जिले में तीसरे नंबर पर आई थी लेकिन उसके खिलाफ भी केस दर्ज करा दिया है। उन्होंने बताया कि आरोप लगाने वाले लोग चरखारी थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और वे वहां कभी गए ही नहीं।

राकेश पटेरिया ने बताया कि आरोप लगाने वाले लोगों की किसी और से दुश्मनी है लेकिन उन्होंने इनके परिवार के खिलाफ मुकदमा लिखवा दिया है। पटेरिया से पूरा मामला सुनने के बाद एडीजी ने महोबा के एसपी को फोन लगाया और एसऔर पूरे मामले की जानकारी दी। एडीजी ने कहा कि मैंने पूरा कंटेंट देखा है और यह साफ लग रहा है कि एफआईआर फर्जी है। इस दौरान उन्होंने एसपी और एसओ दोनों को एक साथ फोन लाइन पर लिया। एसओ से एडीजी ने जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मामला लेन-देन का है। 2017 में राकेश पटेरिया का किसी पर 2 लाख 65 हजार रुपये का बकाया था। इस पर पंचायत भी हुई थी और पटेरिया ने यह बात कबूल भी की थी लेकिन पैसा वापस नहीं दिया।

एसओ ने आगे बताया कि उन पर आरोप है कि वसूली के दौरान उन्होंने मुकदमा लिखवाने वाले के साथ छेड़खानी की। उन्होंने साफ किया कि केस सिर्फ राकेश पटेरिया के खिलाफ है। इस पर एडीजी ने उन्हें बताया कि एफआईआर में तो पटेरिया, उनकी पत्नी और बेटी का नाम भी शामिल है। उन्होंने एसओ से सवाल किया कि पटेरिया की लड़की मेधावी छात्रा है। आपने उसको मुलजिम बना दिया। लड़की करेगी 354 (छेड़खानी)। उन्होंने एसओ को एसपी के सामने रिपोर्ट के साथ पेश होने का आदेश दिया।

इस दौरान एसपी को निर्देश देते हुए एडीजी ने एसओ के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया। एडीजी ने कहा कि ये (एसओ) बदमाश हैं। इन्होंने रुपये-पैसे दिलाने का ठेका लिया हुआ। इसको बुलाइए और सस्पेंड कीजिए। मजाक बना दिया है इन लोगों ने पुलिस का। किसी के खिलाफ कुछ भी लिख देंगे।
लेखक के बारे में
राघवेंद्र शुक्ला
राघवेंद्र शुक्ल ने लिखने-पढ़ने की अपनी अभिरुचि के चलते पत्रकारिता का रास्ता चुना। नई दिल्ली के भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल करने के बाद जुलाई 2017 में जनसत्ता में बतौर ट्रेनी सब एडिटर दाखिला हो गया। वहां के बाद नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की लखनऊ टीम का हिस्सा बन गए। यहां फिलहाल सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रड्यूसर के पद पर तैनाती है। देवरिया के रहने वाले हैं और शुरुआती पढ़ाई वहीं हुई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री है। साहित्यिक अभिरूचियां हैं। कविता-उपन्यास पढ़ना पसंद है। इतिहास के विषय पर बनी फिल्में देखने में दिलचस्पी है। थोड़ा-बहुत गीत-संगीत की दुनिया से भी वास्ता है।... और पढ़ें

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