वाराणसी।
वाराणसी में सौर ऊर्जा को बढ़ावा के लिए सेंटर फॉर इन्वाइरनमेंट एंड एनर्जी डिवेलपमेंट यानी सीड ने शनिवार को एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी नगर निगम के जिन घरों में सबसे ज्यादा धूप आती है, ऐसे घरों में सोलर पैनल लगाकर 676 मेगवॉट तक सौर ऊर्जा पैदा की जा सकती है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वाराणसी में बिजली समस्या का समाधान सौर ऊर्जा अपनाकर किया जा सकता है।
'वाइब्रेंट वाराणसी: ट्रांसफॉर्मेशन थ्रू सोलर रूफ टॉप' नामक इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शहर की सिर्फ 8.3 प्रतिशत घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर 676 मेगावॉट बिजली पैदा की जा सकती है। यह बिजली न सिर्फ पूरी तरह प्रदूषण मुक्त होगी बल्कि सस्ती भी होगी। इस रिपोर्ट का लोकार्पण बीएचयू के कुलपति प्रफेसर जीसी त्रिपाठी व वाराणसी के डीएम योगेश्वरराम मिश्र ने किया। बता दें कि यूपी सरकार ने केंद्र सरकार से पावर फॉर ऑल योजना के तहत समझौता किया है ,ऐसे में सीड की यह रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण हो गई है।
इस रिपोर्ट में वाराणसी नगर निगम के तहत आने वाली उन छतों को चिन्हित किया गया है जहां सूरज की रोशनी अच्छी मात्रा में पहुंचती है। इन छतों का कुल क्षेत्रफल 8.1 वर्ग कि.मी. है और इन छतों पर ही सोलर पैनल के जरिए 676 मेगावॉट बिजली पैदा करने की क्षमता बतायी गई है। सौरऊर्जा कार्यक्रम को लागू करने का सुझाव देते हुए कहा गया है कि पहले चरण के तहत 2025 तक 300 मेगावॉट सौरऊर्जा पैदा की जा सकती है। सौर ऊर्जा के इस उत्पादन से न केवल बिजली की बढ़ती मांग और सप्लाई के बीच अंतर को पाटा जा सकेगा बल्कि जैविक ईंधन मसलन कोयला व डीजल से तैयार होने वाली बिजली से भी छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर वाराणसी में बढ़ते वायु प्रदूषण को भी नियंत्रित करने में सफलता मिलेगी।
वाराणसी में सौर ऊर्जा को बढ़ावा के लिए सेंटर फॉर इन्वाइरनमेंट एंड एनर्जी डिवेलपमेंट यानी सीड ने शनिवार को एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी नगर निगम के जिन घरों में सबसे ज्यादा धूप आती है, ऐसे घरों में सोलर पैनल लगाकर 676 मेगवॉट तक सौर ऊर्जा पैदा की जा सकती है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वाराणसी में बिजली समस्या का समाधान सौर ऊर्जा अपनाकर किया जा सकता है।
'वाइब्रेंट वाराणसी: ट्रांसफॉर्मेशन थ्रू सोलर रूफ टॉप' नामक इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शहर की सिर्फ 8.3 प्रतिशत घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर 676 मेगावॉट बिजली पैदा की जा सकती है। यह बिजली न सिर्फ पूरी तरह प्रदूषण मुक्त होगी बल्कि सस्ती भी होगी। इस रिपोर्ट का लोकार्पण बीएचयू के कुलपति प्रफेसर जीसी त्रिपाठी व वाराणसी के डीएम योगेश्वरराम मिश्र ने किया। बता दें कि यूपी सरकार ने केंद्र सरकार से पावर फॉर ऑल योजना के तहत समझौता किया है ,ऐसे में सीड की यह रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण हो गई है।
इस रिपोर्ट में वाराणसी नगर निगम के तहत आने वाली उन छतों को चिन्हित किया गया है जहां सूरज की रोशनी अच्छी मात्रा में पहुंचती है। इन छतों का कुल क्षेत्रफल 8.1 वर्ग कि.मी. है और इन छतों पर ही सोलर पैनल के जरिए 676 मेगावॉट बिजली पैदा करने की क्षमता बतायी गई है। सौरऊर्जा कार्यक्रम को लागू करने का सुझाव देते हुए कहा गया है कि पहले चरण के तहत 2025 तक 300 मेगावॉट सौरऊर्जा पैदा की जा सकती है। सौर ऊर्जा के इस उत्पादन से न केवल बिजली की बढ़ती मांग और सप्लाई के बीच अंतर को पाटा जा सकेगा बल्कि जैविक ईंधन मसलन कोयला व डीजल से तैयार होने वाली बिजली से भी छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर वाराणसी में बढ़ते वायु प्रदूषण को भी नियंत्रित करने में सफलता मिलेगी।