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रेलवे अब लाल बहादुर शास्त्री की जन्मभूमि को लेगा गोद

देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लालबहादुर शास्त्री की जन्मभूमि से सटे मुगलसराय जंक्शन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर करने की घोषणा का स्थानीय संगठनों द्वारा विरोध देखकर रेलवे ने अब उनकी जन्मभूमि को गोद लेने का फैसला किया है।

दिनेश मिश्र | नवभारत टाइम्स 20 Aug 2017, 4:16 pm
चंदौली
नवभारतटाइम्स.कॉम लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री

देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लालबहादुर शास्त्री की जन्मभूमि से सटे मुगलसराय जंक्शन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर करने की घोषणा का स्थानीय संगठनों द्वारा विरोध देखकर रेलवे ने अब उनकी जन्मभूमि को गोद लेने का फैसला किया है। मुगलसराय के सेंट्रल रेलवे कॉलोनी स्थित उनकी जन्मभूमि को विकसित करने के लिए शास्त्री जी के जिंदगी से जुड़े संस्मरणों को उकेरा जाएगा। यह संकेत पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन के महाप्रबंधक ने शनिवार को जन्मभूमि का दौरा करने के बाद एनबीटी से बातचीत में दिया है।

उन्होंने कहा कि यह रेलवे का सौभाग्य है कि पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री की जन्मभूमि रेलवे परिसर में मौजूद है। इस परिसर को शास्त्री जी की याद में बेहतरीन स्मारक के रूप में परिवर्तित किया जाएगा ताकि देश-दुनिया के पर्यटक इसे देखकर उनकी जिंदगी के विविध रंग से वाकिफ हो सकेंगे।

गौरतलब है मुगलसराय जंक्शन का नाम पं. दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर करने को लेकर जहां काग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध लगातार किया जा रहा है वहीं, लाल बहादुर शास्त्री जन्म स्थली सेवा न्यास के कार्यकर्ताओं ने भी स्टेशन का नाम शास्त्री जी के नाम पर रखने की मांग कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से सटे स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर करने के बाद उठ रहे विरोध के सुर को थामने के लिए रेलवे की इस पहल को बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। केंद्र सरकार की पहल पर अब रेलवे शास्त्री जी की जन्मभूमि का कायाकल्प करने जा रहा है।

शनिवार को पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने मुगलसराय जंक्शन पर विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण कर मंडलीय रेल लोको अस्पताल मे रेल कर्मियों की सुविधाओं के लिए डेंटल क्लीनिक का उद्घाटन किया। इसके बाद वह पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्मस्थली जाकर उसका निरीक्षण किया। जन्मभूमि का जर्जर हालत देखकर उन्होंने अपने अधीनस्थों को जीर्णोद्वार का निर्देश देते हुए इसका विस्तार से प्लान भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि सादगी के लिए दुनिया में मशहूर देश के पूर्वप्रधानमंत्री की जन्मभूमि पर स्मारक ऐसा होना चाहिए कि उनकी जिंदगी के विविध रंग का दर्शन हो।
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दिनेश मिश्र

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