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इंसेफेलाइटिस एक चुनौती, गंदगी के कारण बच्चों की हो रही है मौत: योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में हुई दर्जनों मौतों पर चौतरफा घिरी सरकार के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को गमगीन दिखे। इलाहाबाद के यूनाइटेड इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में आयोजित गंगा ग्राम सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे सीएम ने कहा कि, जिस देश का बचपन इस तरह काल के गाल में समा जाए उस देश का क्या होगा...

नवभारत टाइम्स 12 Aug 2017, 5:48 pm
संजय पांडेय, इलाहाबाद
नवभारतटाइम्स.कॉम यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में हुई दर्जनों मौतों पर चौतरफा घिरी सरकार के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को गमगीन दिखे। इलाहाबाद के यूनाइटेड इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में आयोजित गंगा ग्राम सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे सीएम ने कहा कि, जिस देश का बचपन इस तरह काल के गाल में समा जाए उस देश का क्या होगा। मौतों का कारण जापानी इंसेफेलाइटिस बताते हुए सीएम ने कहा, 'यह बीमारी पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1978 से है। इसका एक कारण गंदगी भी है। इसलिए हमें सिर्फ सरकार के भरोसे न रहकर खुद भी इससे बचाव के रास्ते ढूंढने होंगे। जनता में जागरूकता का अभाव है। हमने केन्द्र से भी इस बीमारी से लड़ने में मदद मांगी है और मिल भी रही है।'

सीएम ने कहा, 'सरकार समस्या नहीं हो सकती। सरकार को समाधान बनकर आना पड़ता है। जिस दिन सरकारें समस्या बनेंगी उन्हें हटना पड़ेगा। जनता का आह्वान करते हुए कहा कि, समाज को अगुआ बनना पड़ेगा। क्योंकि जिस कार्य में समाज आगे चलता है और सरकार पीछे वही कार्य सफल होता है। जिसमें सरकार आगे होगी, ऐसे कार्य की सफलता में संदेह बना रहता है।'

गंगा की निर्मलता पर योगी ने कहा, 'अर्द्धकुंभ तक गंगा का जल आचमन लायक हो, इसके लिए प्रयास हो रहे हैं और हम सफल भी होंगे। फिलहाल प्रदेश के 1011 गांव ओडीएफ घोषित हो चुके हैं। इनके साथ बिजनौर, हापुड़ और गाजियाबाद जिले भी ओडीएफ में शामिल हो चुके हैं। प्रयास है कि, 31 दिसंबर तक 30 जिले ओडीएफ हो जाएं। प्रदेश में 43 लाख शौचालयों का निर्माण हो चुका है। 31 मार्च 2018 तक 78 लाख और शौचालय बनकर तैयार हो जाएंगे। लेकिन गंगा की निर्मलता में भी जनता और संगठनों का सहयोग जरूरी है।'

उन्होंने कहा कि कानपुर में टेनरियों के मालिकों के साथ बैठकर बात की जा रही है। एनजीटी के आदेश के अनुरूप जल्द ही इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। क्योंकि सबसे अधिक गंदगी गंगा में कानपुर से ही डाली जाती है।

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