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म्यूनिख से पहले स्वच्छ ऊर्जा शहर बनेगा बनारस, केंद्रीय टीम वाराणसी पहुंची

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी ग्रीन-क्लीन के साथ धूल-धुंआ रहित मॉडल शहर बनेगा। जर्मनी के म्यूनिख शहर से पहले वर्ष 2022 तक वाराणसी को पूर्ण रूप से स्वच्छ ऊर्जा से लैस करने की तैयारी है...

नवभारत टाइम्स 10 Aug 2017, 10:17 pm
विकास पाठक, वाराणसी
नवभारतटाइम्स.कॉम yio
वाराणसी दौरे पर आई टीम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी ग्रीन-क्लीन के साथ धूल-धुंआ रहित मॉडल शहर बनेगा। जर्मनी के म्यूनिख शहर से पहले वर्ष 2022 तक वाराणसी को पूर्ण रूप से स्वच्छ ऊर्जा से लैस करने की तैयारी है। इसके लिए केंद्रीय टीम वाराणसी पहुंची है। सौर ऊर्जा, बायो गैस जैसे गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों के जरिए वाराणसी को प्रदूषण रहित बनाए जाने का प्लान है।

इस योजना पर अमल से पहले विचार-विमर्श के लिए केंद्र सरकार के गैर पारंपरिक ऊर्जा मंत्रालय के उपसचिव रुचिन गुप्ता की अगुवाई में हाईपावर की टीम दो दिन के दौरे पर गुरुवार को वाराणसी पहुंची। टीम में सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की डायरेक्टर डॉ. संगीता सिंह, सौर ऊर्जा निगम के जीएम रमेश कुमार तथा डेप्युटी जीएम चंद्र कुमार सिंह, नीति आयोग के डेप्युटी डायरेक्टर मनोज कुमार, सदस्य प्लानिंग पंकज बतरा, सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के अमित कुमार के अलावा नैशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन के अधिकारी शामिल हैं।

ऊर्जा मंत्रालय के उपसचिव ने बताया कि 2022 तक परियोजना के पूरा होने पर वाराणसी पहला ऐसा शहर होगा जो 100 फीसद स्वच्छ ऊर्जा से युक्त होगा। जर्मनी का म्यूनिख शहर भी 2025 तक पूरी तरह से स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाला शहर बनने की तैयारी में जुटा है।

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