ऐपशहर

अयोध्या में बोले आरिफ मोहम्मद खान- सीएए का पालन करना हर किसी की बाध्यता

केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि चाहे कोई पक्ष में हो या विपक्ष में, किसी पद पर हो या आम नागरिक हो, हर किसी को सीएए या किसी भी कानून का पालन करना और उसका सम्मान करना ही होगा। उन्होंने केरल सरकार को सीएए के बारे में संविधान के मुताबिक काम करने की नसीहत दी।

नवभारत टाइम्स 21 Jan 2020, 8:41 pm
अयोध्या
नवभारतटाइम्स.कॉम arif khan
अवध यूनिवर्सिटी में पहुंचे थे गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में पहुंचे केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने सीएए का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि चाहे कोई पक्ष में हो या विपक्ष में, किसी पद पर है या साधारण नागरिक हो, संविधान और कानून का सम्मान करना और उसके अनुसार आचरण करना उसकी बाध्यता है।

आरिफ मोहम्मद खान ने आगे कहा, 'जब सामान्य नागरिक के लिए संविधान का पालन करना जरूरी है तो जो जिम्मेदारी के पदों पर रहकर इसको अनदेखा करना चाहते हैं तो हमारी शुभकामना। मैं विपक्ष पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। अब कांग्रेस सहित अन्य दलों के लोग भी यह कहने लगे हैं कि कानून बनने के बाद किसी को यह कहने का अधिकार नहीं कि मै इसे लागू नहीं करूंगा। इसके विरोध मे कोर्ट जा सकते हैं। अगले चुनाव में जीतकर इसे बदल सकते हैं लेकिन लोकसभा और राज्य सभा से पारित होकर राष्ट्रपति का इस पर हस्ताक्षर होने के बाद इसे मानने से इनकार नहीं किया जा सकता।'

'संविधान के मुताबिक काम करे केरल सरकार'
केरल विधानसभा की नियमावली का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी विषय जो राज्य सरकार के अधीन नहीं आता, उसपर विधानसभा में चर्चा नहीं की जा सकती। इस तरह जहां केंद्र और राज्य सरकार के रिश्तों और हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से संबंधित कोई मामला आ जाए तो बिना गर्वनर के संज्ञान में लाए इसके खिलाफ कार्रवाई पूरी तरह से अनुचित है। अब मैंने अपनी राय इस पर दी है। ऐसे में केरल सरकार को संविधान के मुताबिक कार्य करना चाहिए।

अवध यूनिवर्सिटी के संत कबीर सभागार में आयोजित गोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए गर्वनर आरिफ खान ने भारत की संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, 'विश्व में भारत की पहचान इसके ज्ञान को लेकर है। ईरान और रोम विलासिता और सुंदरता की संस्कृति से पहचाने जाते हैं, चीन कौशल और विधि की संस्कृति से जाना जाता है। वहीं, भारत की संस्कृति ज्ञान की है। विषम हालात में भी भारत ने अपनी संस्कृति को संरक्षित रखा।'

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग