शिवपूजन सिंह, प्रयागराज: अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बनने को 60 वर्षीय मूर्तना कर्नाटक से पैदल निकल पड़े हैं। बुजुर्ग मुर्तना हाथ में तख्ती लिए और महात्मा गांधी की भेष में भगवान राम के जन्म स्थान अयोध्या पहुंचने से पहले प्रयागराज पहुंचे। एक रात विश्राम के बाद रामजन्म भूमि अयोध्या में आयोजित रामोत्सव में शामिल होने के लिए निकल पड़े हैं। बता दें कि अयोध्या में भगवान राम मंदिर के बन रहे दिव्य भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को रखा गया है।
इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पूरे देशभर से लोग अपने-अपने तरीके से लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं। अयोध्या पहुंचने वाले में उन्हीं विरले राम भक्तों में मुर्तना भी हैं, जोकि गांधी जी के भेष में चल रहे हैं। हाथों में लाठी आंखों पर गांधी जी जैसा ही चश्मा और बदन पर गांधी जैसे सफेद पतली धोती। कर्नाटक के रहने वाले 60 वर्षीय मुर्तना अपनी उम्र का एक पड़ाव पार कर चुके हैं, लेकिन इनका जज्बा किसी नौजवान से कम नहीं है। ये 2 हजार किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके प्रयागराज पहुंचो। प्रयागराज में भयानक ठंड में भी उनके बदन पर सफेद धोती ही थी। देखने से ऐसा लग रहा था कि मूर्तना के मुख से निकल रहा राम नाम और श्रद्धालुओं का जय घोष उन्हें हर पल आगे बढ़ने की प्रेरणा और ताकत दे रहा था।
फिरहाल मूर्तना प्रयागराज से अयोध्या के लिए पदयात्रा के लिए निकल पड़े हैं। अब इनकी अयोध्या की दूरी 170 किलोमीटर बची है। इसे भी तीन से चार दिन में पूरी कर लेंगे। भारत के कर्नाटक के रहने वाले मुर्तना जिस भी जनपद में पहुंचते हैं। वहां के लोग इनका जोरदार स्वागत कर रहे हैं, उनके अभियान को यादगार बनाने के लिए उनके साथ सेल्फी ले रहे हैं। कुछ दूर तक युवा उनके साथ भी चल रहे। इनका गेटअप हर किसी को गांधी जी की याद दिला रहा है।
मूर्तना कर्नाटक के एक छोटे गांव के निवासी हैं। घर में उनकी पत्नी और एक बेटी है। मूर्तना ने 9 दिसंबर को कर्नाटक से अपनी पदयात्रा शुरू की थी। 12 जनवरी को वह अयोध्या पहुंचेंगे। जहां पर उनकी पदयात्रा समाप्त होगी। इन्होंने प्रयागराज के कमिश्नर से मुलाकात की। प्रयागराज के कमिश्नर ने इनका माला पहनाकर स्वागत किया। तन पर कम कपड़े को लेकर कमिश्नर ने कहा कि प्रयागराज में ठंड बहुत है, आप कपड़े धारण कर लें। मॉडर्न गांधी बोले, मुझे पैदल चलना होता है, मुझे गर्मी लगने लगती है, इसलिए मैं ज्यादा कपड़े धारण नहीं करता। फिलहाल बैग में मेरे एक कंबल है। मैं ज्यादा सामान लेकर भी नहीं चल सकता, क्योंकि मुझे पैदल चलना होता है। उन्होंने कहा कि मेरा मकसद है कि भगवान राम का मंदिर अयोध्या में भव्य तरीके से बने। पूरे देश में एकता हमेशा बनी रहे।
इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पूरे देशभर से लोग अपने-अपने तरीके से लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं। अयोध्या पहुंचने वाले में उन्हीं विरले राम भक्तों में मुर्तना भी हैं, जोकि गांधी जी के भेष में चल रहे हैं। हाथों में लाठी आंखों पर गांधी जी जैसा ही चश्मा और बदन पर गांधी जैसे सफेद पतली धोती। कर्नाटक के रहने वाले 60 वर्षीय मुर्तना अपनी उम्र का एक पड़ाव पार कर चुके हैं, लेकिन इनका जज्बा किसी नौजवान से कम नहीं है। ये 2 हजार किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके प्रयागराज पहुंचो। प्रयागराज में भयानक ठंड में भी उनके बदन पर सफेद धोती ही थी। देखने से ऐसा लग रहा था कि मूर्तना के मुख से निकल रहा राम नाम और श्रद्धालुओं का जय घोष उन्हें हर पल आगे बढ़ने की प्रेरणा और ताकत दे रहा था।
फिरहाल मूर्तना प्रयागराज से अयोध्या के लिए पदयात्रा के लिए निकल पड़े हैं। अब इनकी अयोध्या की दूरी 170 किलोमीटर बची है। इसे भी तीन से चार दिन में पूरी कर लेंगे। भारत के कर्नाटक के रहने वाले मुर्तना जिस भी जनपद में पहुंचते हैं। वहां के लोग इनका जोरदार स्वागत कर रहे हैं, उनके अभियान को यादगार बनाने के लिए उनके साथ सेल्फी ले रहे हैं। कुछ दूर तक युवा उनके साथ भी चल रहे। इनका गेटअप हर किसी को गांधी जी की याद दिला रहा है।
मूर्तना कर्नाटक के एक छोटे गांव के निवासी हैं। घर में उनकी पत्नी और एक बेटी है। मूर्तना ने 9 दिसंबर को कर्नाटक से अपनी पदयात्रा शुरू की थी। 12 जनवरी को वह अयोध्या पहुंचेंगे। जहां पर उनकी पदयात्रा समाप्त होगी। इन्होंने प्रयागराज के कमिश्नर से मुलाकात की। प्रयागराज के कमिश्नर ने इनका माला पहनाकर स्वागत किया। तन पर कम कपड़े को लेकर कमिश्नर ने कहा कि प्रयागराज में ठंड बहुत है, आप कपड़े धारण कर लें। मॉडर्न गांधी बोले, मुझे पैदल चलना होता है, मुझे गर्मी लगने लगती है, इसलिए मैं ज्यादा कपड़े धारण नहीं करता। फिलहाल बैग में मेरे एक कंबल है। मैं ज्यादा सामान लेकर भी नहीं चल सकता, क्योंकि मुझे पैदल चलना होता है। उन्होंने कहा कि मेरा मकसद है कि भगवान राम का मंदिर अयोध्या में भव्य तरीके से बने। पूरे देश में एकता हमेशा बनी रहे।