अयोध्या
अयोध्या स्थित तपस्वी छावनी पर महंत परमहंसदास ने सुप्रीम कोर्ट में 4 जनवरी 2019 से राम मंदिर, बाबरी मस्जिद केस की शुरू होने जा रही सुनवाई को लेकर 'सार्थक सुनवाई ऋग्वेद महायज्ञ' किया। राम मंदिर के लिए आत्मदाह को लेकर चर्चा में आए बाबा परमहंस दास ने कहा कि यज्ञ का मकसद है कि इस बार की कोर्ट की सुनवाई में राम मंदिर पर सार्थक फैसला आए, जिससे सभी हिंदू, मुस्लिम, सिख. ईसाई मिलकर अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण सौहार्द के माहौल में शुरू करें।
परमहंस दास का कहना है कि ऋग्वेद सार्थक यज्ञ का असर होगा और इस बार की कोर्ट की सुनवाई में अंतिम निर्णय हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग भी चाहते हैं कि राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो और कोर्ट इस केस का फैसला जल्द करे, जिससे 70 साल से चल रहा यह विवाद खत्म हो जाए। यही नहीं, अयोध्या में कोर्ट के फैसले को लेकर माहौल बनने लगा है।
अयोध्या के स्थानीय लोगों का कहना है कि सुनवाई से ही पता चल पाएगा कि डेली हियरिंग होगी या नहीं। संतों ने कहा कि यदि कोर्ट में कार्रवाई लटकी तो सरकार को संसद में कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करना चाहिए। वहीं, बाबरी मस्जिद के मुद्दई मो. इकबाल अंसारी ने कहा कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने फैसला किया है कि मंदिर-मस्जिद केस मे कोर्ट का फैसला ही माना जाएगा। उन्होनें कहा कि जब दोनों समुदाय के पक्षकार कोर्ट के फैसले को मान रहे हैं तो कोर्ट को भी इस चर्चित मामले पर जल्द फैसला सुनाने की पहल करनी चाहिए।
अयोध्या स्थित तपस्वी छावनी पर महंत परमहंसदास ने सुप्रीम कोर्ट में 4 जनवरी 2019 से राम मंदिर, बाबरी मस्जिद केस की शुरू होने जा रही सुनवाई को लेकर 'सार्थक सुनवाई ऋग्वेद महायज्ञ' किया। राम मंदिर के लिए आत्मदाह को लेकर चर्चा में आए बाबा परमहंस दास ने कहा कि यज्ञ का मकसद है कि इस बार की कोर्ट की सुनवाई में राम मंदिर पर सार्थक फैसला आए, जिससे सभी हिंदू, मुस्लिम, सिख. ईसाई मिलकर अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण सौहार्द के माहौल में शुरू करें।
परमहंस दास का कहना है कि ऋग्वेद सार्थक यज्ञ का असर होगा और इस बार की कोर्ट की सुनवाई में अंतिम निर्णय हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग भी चाहते हैं कि राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो और कोर्ट इस केस का फैसला जल्द करे, जिससे 70 साल से चल रहा यह विवाद खत्म हो जाए। यही नहीं, अयोध्या में कोर्ट के फैसले को लेकर माहौल बनने लगा है।
अयोध्या के स्थानीय लोगों का कहना है कि सुनवाई से ही पता चल पाएगा कि डेली हियरिंग होगी या नहीं। संतों ने कहा कि यदि कोर्ट में कार्रवाई लटकी तो सरकार को संसद में कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करना चाहिए। वहीं, बाबरी मस्जिद के मुद्दई मो. इकबाल अंसारी ने कहा कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने फैसला किया है कि मंदिर-मस्जिद केस मे कोर्ट का फैसला ही माना जाएगा। उन्होनें कहा कि जब दोनों समुदाय के पक्षकार कोर्ट के फैसले को मान रहे हैं तो कोर्ट को भी इस चर्चित मामले पर जल्द फैसला सुनाने की पहल करनी चाहिए।