अयोध्या
शिवसेना पर प्रहार करते हुए लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने सोमवार को कहा कि वह लोगों का ध्यान सरकार के विकास अजेंडे से भटकाने के लिए राममंदिर मुद्दा उठा रही है, अन्यथा ‘तथाकथित हिंदू पार्टी’ भगवान राम के क्षेत्र से मुम्बई आने वाले उत्तर भारतीयों को अपमान ही तो करती है।
एलजेपी नेता चिराग पासवान का प्रहार ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा कैसे अयोध्या में राममंदिर निर्माण कर सकती है जब एलजेपी और जेडीयू जैसे उसके सहयोगी उसका विरोध कर रहे हैं।
शिवसेना भी बीजेपी की सहयोगी है लेकिन लंबे समय से वह कई मुद्दों पर बीजेपी पर निशाना साधती रहती है। एलजेपी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जेडीयू ने शिवसेना समेत हिंदुत्ववादी संगठनों की इस मांग का विरोध किया है कि नरेंद्र मोदी सरकार अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए कानून लाए।
वैसे तो बीजेपी ने इस बात पर जोर दिया है कि वह चाहती है कि यह मंदिर यथाशीघ्र बने लेकिन उसने संकेत दिया कि वह इस मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करेगी। पासवान ने कहा, ‘एनडीए में तथाकथित हिंदुत्व राजनीति करने वाली और हमेशा ही उत्तर भारतीयों को निशाना बनाने वाली शिवसेना देश का ध्यान विकास के कार्यों से भटका रही है। वह सरकार के चार साल नौ महीने बीत जाने के बाद अयोध्या को याद करती है तथा एलजेपी और जेडीयू पर उंगली उठाती है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि यह तथाकथित हिंदू पार्टी भगवान राम के क्षेत्र से मुम्बई पहुंचने वाले उत्तर भारतीयों को अपमानित करती है और तब उसे भगवान राम से ज्यादा मराठी वोट बैंक की फिक्र होती है।
शिवसेना पर प्रहार करते हुए लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने सोमवार को कहा कि वह लोगों का ध्यान सरकार के विकास अजेंडे से भटकाने के लिए राममंदिर मुद्दा उठा रही है, अन्यथा ‘तथाकथित हिंदू पार्टी’ भगवान राम के क्षेत्र से मुम्बई आने वाले उत्तर भारतीयों को अपमान ही तो करती है।
एलजेपी नेता चिराग पासवान का प्रहार ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा कैसे अयोध्या में राममंदिर निर्माण कर सकती है जब एलजेपी और जेडीयू जैसे उसके सहयोगी उसका विरोध कर रहे हैं।
शिवसेना भी बीजेपी की सहयोगी है लेकिन लंबे समय से वह कई मुद्दों पर बीजेपी पर निशाना साधती रहती है। एलजेपी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जेडीयू ने शिवसेना समेत हिंदुत्ववादी संगठनों की इस मांग का विरोध किया है कि नरेंद्र मोदी सरकार अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए कानून लाए।
वैसे तो बीजेपी ने इस बात पर जोर दिया है कि वह चाहती है कि यह मंदिर यथाशीघ्र बने लेकिन उसने संकेत दिया कि वह इस मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करेगी। पासवान ने कहा, ‘एनडीए में तथाकथित हिंदुत्व राजनीति करने वाली और हमेशा ही उत्तर भारतीयों को निशाना बनाने वाली शिवसेना देश का ध्यान विकास के कार्यों से भटका रही है। वह सरकार के चार साल नौ महीने बीत जाने के बाद अयोध्या को याद करती है तथा एलजेपी और जेडीयू पर उंगली उठाती है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि यह तथाकथित हिंदू पार्टी भगवान राम के क्षेत्र से मुम्बई पहुंचने वाले उत्तर भारतीयों को अपमानित करती है और तब उसे भगवान राम से ज्यादा मराठी वोट बैंक की फिक्र होती है।