बागपत
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं नजर आ रहा है। स्मॉग हटने के बावजूद सुबह-शाम कोहरा देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही लगातार तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गुणवत्ता सूचकांक द्वारा सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक बागपत की वायु गुणवत्ता सूचकांक 365 पर रहा। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसे गुणवत्ता के लिहाज से बेहतर नहीं कहा जा सकता है। इसकी वजह से सांस के मरीजों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
पढ़ें: प्रदूषित हवा में सांस लेने से खराब हो सकती है किडनी
बता दें कि एक नये अध्ययन के मुताबिक वायु प्रदूषण की वजह से इंसानों में गुर्दे की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है और गुर्दे खराब भी हो सकते हैं। बहुत पहले से ही वायु प्रदूषण को हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर, अस्थमा और COPS से जोड़ा जाता रहा है। अमेरिका के वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ताओं के इस नये अध्ययन के बाद अब इन बीमारियों की सूची में गुर्दा यानी किडनी का रोग भी शामिल हो गया है।
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं नजर आ रहा है। स्मॉग हटने के बावजूद सुबह-शाम कोहरा देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही लगातार तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गुणवत्ता सूचकांक द्वारा सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक बागपत की वायु गुणवत्ता सूचकांक 365 पर रहा। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसे गुणवत्ता के लिहाज से बेहतर नहीं कहा जा सकता है। इसकी वजह से सांस के मरीजों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
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बता दें कि एक नये अध्ययन के मुताबिक वायु प्रदूषण की वजह से इंसानों में गुर्दे की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है और गुर्दे खराब भी हो सकते हैं। बहुत पहले से ही वायु प्रदूषण को हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर, अस्थमा और COPS से जोड़ा जाता रहा है। अमेरिका के वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ताओं के इस नये अध्ययन के बाद अब इन बीमारियों की सूची में गुर्दा यानी किडनी का रोग भी शामिल हो गया है।