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अतीक-अशरफ के हत्यारे लवलेश तिवारी और सनी सिंह की पहले से थी पहचान, वारदात को अंजाम देने के बाद रुकते थे साथ

Atique Ahmed Murder Update: नशे के आदी लवलेश तिवारी ने डॉन बनने की हसरत शुरू से पाल रखी थी। भड़काऊ पोस्ट डालने के मामले में उसके खिलाफ आईटी एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ। इसके अलावा शराब की तस्करी और लड़की से छेड़खानी का मामला दर्ज हुआ। प्रयागराज घटना से उसकी हसरत पूरी हो गई।

Edited byधीरेंद्र सिंह | Lipi 20 Apr 2023, 6:59 pm
अनिल सिंह, बांदा: प्रयागराज में बहुचर्चित डॉन ब्रदर्स अतीक अहमद और भाई अशरफ को फिल्मी स्टाइल में पुलिस कस्टडी में मौत की नींद सुलाने वाले तीनों हत्यारों को एक दूसरे से अपरिचित बताया जा रहा था। हालांकि लवलेश के कुछ दोस्तों का दावा है कि लवलेश और सनी सिंह पहले से एक दूसरे को जानते थे। दोनों अपराध करने के बाद एक दूसरे के घर में ठहरते थे।
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अतीक अहमद हत्याकांड के आरोपियों का क्या है कनेक्शन जानिए


लवलेश तिवारी का भले ही बड़ा आपराधिक इतिहास न रहा हो। इसके बाद भी उसका कनेक्शन कई अपराधियों से सामने आता जा रहा है। प्रयागराज में डॉन ब्रदर्स की हत्या के बाद जब इसका नाम सामने आया तो पड़ोसी भी हैरान रह गए। उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि लवलेश इतना बड़ा अपराधी होगा। जब सारी जानकारी इसके दोस्तों के पास पहुंची तो उन्होंने दबी जुबान से कारनामों को उजागर करना शुरू कर दिया। इनके दोस्तों का कहना है कि लवलेश तिवारी और हमीरपुर निवासी मोहित उर्फ सनी सिंह एक दूसरे को पहले से जानते थे। 8 फरवरी 2020 को उसने शहर के क्योंटरा चौराहे के पास बीजेपी नेता की नाबालिग बेटी को थप्पड़ मारकर छेड़छाड़ की थी। इस मामले में लवलेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया था और इसके खिलाफ पाक्सो एक्ट भी लगा था। पुलिस से बचने के लिए वह हमीरपुर भाग गया था और तब वह सनी सिंह के घर में डेढ़ महीने तक रहा। इसके बाद इनकी दोस्ती और मजबूत होती चली गई।

किंग ऑफ 90 ग्रुप बनाया

हमीरपुर से जब वह लौटा तो पुलिस ने 20 अगस्त 2020 को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया था। इसके बाद 15 अक्टूबर को वह जमानत पर रिहा हो गया था। लवलेश के दोस्तों का कहना है कि प्रयागराज की घटना में शामिल लवलेश के साथ सनी सिंह की तस्वीर देखकर हम लोग हैरान रह गए, क्योंकि लवलेश के साथ बांदा में कई बार सनी सिंह को भी देखा गया है। सनी सिंह कई बार लवलेश के घर में रुका भी था। इनके दोस्तों की माने तो लवलेश के संबंध नैनी जेल में बंद कुछ अपराधियों से भी थे, उसने किंग ऑफ 90 नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा था, उसमें कई अपराधी भी जुड़े थे जो इसके जेल के साथी बताए जाते हैं। इसी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लवलेश अपने अपराधी साथियों से संपर्क बनाए हुए था।

हत्याकांड के बाद छोड़ा व्हाट्सएप ग्रुप

प्रयागराज हत्याकांड के बाद ज्यादातर दोस्तों ने इस ग्रुप को छोड़ दिया है। पहले इसमें करीब 1 हजार लोग शामिल थे। अब इनकी संख्या संख्या घटकर केवल 68 बची है। लवलेश के दोस्तों के मुताबिक भले ही वह बड़ा अपराधी न रहा हो, लेकिन उसने अपनी पैठ बड़ी संख्या में अपराधियों से बना रखी थी। खुद को डॉन कहलाने में खुश हो जाता था।
लेखक के बारे में
धीरेंद्र सिंह
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर कंटेंट प्रोड्यूसर हूं। यूपी और उत्तराखंड से जुड़ी राजनीतिक समेत अन्य खबरों पर काम करने की जिम्मेदारी है। इससे पहले की बात की जाए तो दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। 2014 से करियर की शुरूआत हुई और 8 साल से अधिक का अनुभव हो चुका है। इस दौरान दिल्ली, यूपी और जम्मू कश्मीर में रिपोर्टिंग करने का भी मौका मिला। टाइम्स ग्रुप से पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका (डिजिटल), नवोदय टाइम्स, हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी समेत कुछ अन्य संस्थानों में काम किया है। अखबार और डिजिटल जर्नलिज्म की दुनिया में लिखने पढ़ने का काम जारी है।... और पढ़ें

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