बरेली
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक दिल दहला देने खबर सामने आई है। यहां एक पिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पिता फांसी पर लटका रहा और तीन दिनों तक उसके मासूम खाना मांगते रहे। जब उनकी भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो पड़ोसियों से खाना मांगा। बच्चों ने बताया कि दो दिनों से पिता उनसे बात नहीं कर रहे, खाना नहीं दे रहे, तब पड़ोसियों ने उनके घर जाकर देखा तो दृश्य देखकर सहम गए। 32 साल का मनोज दयाल नोएडा में नौकरी करता था। लॉकडाउन के बाद उसकी नौकरी चली गई। घर में आर्थिक तंगी के चलते पति-पत्नी के बीच झगड़े होने लगे। एक दिनों दोनों के बीच झगड़ा ज्यादा हुई और पत्नी पिछले गुरुवार को नाराज होकर मायके चली गई। तब से वह मायके में ही रही थी। उनके छह साल का बेटा और चार साल की बेटी पिता के पास ही थे।
'पापा खाना नहीं दे रहे थे'
पुलिस ने बताया कि कहा कि दयाल ने संभवत: तीन दिन पहले आत्महत्या कर ली थी क्योंकि उसका शरीर सड़ रहा था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'बच्चे तीन दिनों तक उसके शरीर के साथ रहे। बच्चों ने बताया कि वह पापा से खाना मांग रहे थे, लेकिन पापा ने कोई जवाब नहीं दिया। आखिर में जब और भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो वह बाहर आने को मजबूर हो गए।'
लटकती लाश से आ रही थी बदबू
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बमुश्किल चार और छह साल की उम्र में, दोनों बच्चे दो दिनों तक अपने पिता से खाना मांगते रहे। जब उन्हें कोई नहीं मिला, तो बच्चों ने पड़ोसी का दरवाजा खटखटाया और कहा कि वे भूखे हैं और पिता उनसे बात नहीं कर रहे हैं। कुछ गड़बड़ होने पर, पड़ोसी अपने घर में गए और मनोज के शव को लटकता हुआ पाया। शव से आ रही बदबू के कारण कोई उसके पास नहीं गया।
पोस्टमॉर्टम में हुई आत्महत्या की पुष्टि
लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रोहित सिंह सजवान ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मनोज की मौत फांसी लगाने के कारण ही बताई गई है। वह दो दिन पहले ही मर चुका था।
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक दिल दहला देने खबर सामने आई है। यहां एक पिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पिता फांसी पर लटका रहा और तीन दिनों तक उसके मासूम खाना मांगते रहे। जब उनकी भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो पड़ोसियों से खाना मांगा। बच्चों ने बताया कि दो दिनों से पिता उनसे बात नहीं कर रहे, खाना नहीं दे रहे, तब पड़ोसियों ने उनके घर जाकर देखा तो दृश्य देखकर सहम गए।
'पापा खाना नहीं दे रहे थे'
पुलिस ने बताया कि कहा कि दयाल ने संभवत: तीन दिन पहले आत्महत्या कर ली थी क्योंकि उसका शरीर सड़ रहा था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'बच्चे तीन दिनों तक उसके शरीर के साथ रहे। बच्चों ने बताया कि वह पापा से खाना मांग रहे थे, लेकिन पापा ने कोई जवाब नहीं दिया। आखिर में जब और भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो वह बाहर आने को मजबूर हो गए।'
लटकती लाश से आ रही थी बदबू
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बमुश्किल चार और छह साल की उम्र में, दोनों बच्चे दो दिनों तक अपने पिता से खाना मांगते रहे। जब उन्हें कोई नहीं मिला, तो बच्चों ने पड़ोसी का दरवाजा खटखटाया और कहा कि वे भूखे हैं और पिता उनसे बात नहीं कर रहे हैं। कुछ गड़बड़ होने पर, पड़ोसी अपने घर में गए और मनोज के शव को लटकता हुआ पाया। शव से आ रही बदबू के कारण कोई उसके पास नहीं गया।
पोस्टमॉर्टम में हुई आत्महत्या की पुष्टि
लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रोहित सिंह सजवान ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मनोज की मौत फांसी लगाने के कारण ही बताई गई है। वह दो दिन पहले ही मर चुका था।