ऐपशहर

5 कारणों से मिला है वी.के. सिंह को टिकट

गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में ठाकुर बाहुल्य इलाके धौलाना में साठा-चौरासी हैं, जहां तोमर के 84 गांव और 60 गांव सिसोदिया व अन्य ठाकुरों वाले हैं। चूंकि वी.के. सिंह भी ठाकुर हैं तो उन्हें ठाकुरों के वोट भी मिल सकते हैं।

नवभारत टाइम्स 23 Mar 2019, 2:09 am
गाजियाबाद
नवभारतटाइम्स.कॉम vk-singh
फाइल फोटो

कभी बाहरी तो कभी आम लोगों से दूरी बनाकर रखने के आरोपों के बावजूद भाजपा ने वी.के. सिंह को चुनावी मैदान में उतार दिया। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इस टिकट को लेकर पार्टी नेतृत्व ने कई बार विचार किया। इस दौरान उनके विरोध को भी ध्यान में रखा गया, लेकिन 5 ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से उनका टिकट नहीं काटा जा सका।

सेना के जनरल
पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले और उसके बाद सेना द्वारा की गई कार्रवाई से पूरे देश में सैनिकों के प्रति सम्मान बढ़ा, क्योंकि वी.के. सिंह भी सेना के जनरल जैसे उच्च पद से रिटायर्ड हैं, इसलिए यही सम्मान उन्हें वोट के रूप में मिल सकता है।

साठा चौरासी क्षेत्र
गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में ठाकुर बाहुल्य इलाके धौलाना में साठा-चौरासी हैं, जहां तोमर के 84 गांव और 60 गांव सिसोदिया व अन्य ठाकुरों वाले हैं। चूंकि वी.के. सिंह भी ठाकुर हैं तो उन्हें ठाकुरों के वोट भी मिल सकते हैं।

स्वच्छ छवि
बेशक वी.के. सिंह पर यह आरोप लगे हों कि वह 5 सालों में आम लोगों से कम मिले, लेकिन उनकी छवि स्वच्छ रही, जो मतदाताओं पर असर डालेगी।

2014 में रेकार्ड जीत
2014 के लोकसभा चुनाव में वह रेकॉर्ड मतों से जीते थे, इसलिए इस बार उनका टिकट काटना पार्टी नेतृत्व के लिए आसान नहीं था।

धोबीघाट आरओबी
गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र का लाइनपार एरिया रेल लाइन होने के कारण मेन सिटी से जुड़ा नहीं है, इसलिए मेन सिटी की तर्ज पर वह विकास से अछूता है। इसे जोड़ने के लिए गोशाला अंडरपास तो बना, लेकिन बारिश और चौड़ाई कम होने से यहां स्थिति ठीक नहीं हुई, इसलिए वी.के. सिंह ने धोबीघाट आरओबी बनवाना शुरू कर दिया है। इसका शिलान्यास हो चुका है। चूंकि लाइनपार क्षेत्र में करीब 5 लाख से अधिक लोग रहते हैं, जो चुनाव में मददगार साबित होंगे।

'कार्यकर्ता के रूप में करता हूं काम'
टिकट मिलने के बाद वी.के. सिंह ने कहा कि वह पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने 5 साल में अपने वादे पूरे किए। टिकट को लेकर हो रहे विरोध पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पूरा संगठन और सभी कार्यकर्ता उनके साथ चुनाव में जुटे हुए हैं। पार्टी की नीतियां और 5 साल के दौरान उनके द्वारा हर वर्ग के लिए किए गए कार्य ही उन्हें जीत दिलवाएंगे।

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग