विरोध-प्रदर्शन
- लोगों ने टीम को घेरकर निगम के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
- कम संख्या में पुलिसकर्मी होने की वजह से नहीं हो पाई कार्रवाई
प्रमुख संवाददाता, अर्थला
एनजीटी के आदेश पर निगम की टीम सोमवार को अर्थला के बालाजी विहार में अवैध निर्माण गिराने पहुंची थी। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मौके पर लोग जमा हो गए और कार्रवाई का विरोध करने लगे। पर्याप्त पुलिस फोर्स न होने की वजह से टीम को बगैर ही लौटना पड़ा। तहसीलदार अखिलेश कुमार ने बताया कि हंगामा बढ़ने की आशंका को देखते हुए कार्रवाई नहीं की गई। अब पूरी फोर्स मिलने के बाद भी यहां कार्रवाई की जाएगी।
महिलाओं ने घेरा
अर्थला झील के आसपास हुए अवैध निर्माण के खिलाफ निगम की टीम को तोड़फोड़ की कार्रवाई करनी है। सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे के निगम तहसीलदार कुछ पुलिसकर्मियों और चुनिंदा अफसरों को लेकर बालाजी विहार पहुंच थे। पुलिस को आता देख लोग घरों से बाहर आ गए। बालाजी विहार में टीम के आते ही महिलाओं और बच्चों ने अफसरों को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते काफी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए। पुलिस फोर्स ने भीड़ को किनारे करने की कोशिश की, लेकिन लोगों की संख्या अधिक होने के चलते फोर्स कुछ नहीं कर पाई। ऐसे में मौके की नजाकत को देखते हुए निगम अफसरों ने लोगों से बातचीत शुरू कर दी। करीब 30 मिनट तक अफसर लोगों को समझाते रहे, लेकिन लोग नहीं माने और निगम के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। मामला गरमाता देख अफसर बैकफुट पर आ गए और टीम के साथ लौट गए।
फोन पर लेते रहे निर्देश
लोगों के हंगामे को देखते हुए अफसर आला अफसरों को फोन पर स्थिति के बारे में बताते रहे। अफसरों से निर्देश मिलने के बाद ही टीम पुलिस फोर्स के साथ बालाजी विहार से लौट आई। यहां तक कि कार्रवाई की सूचना मिलने पर मोहन नगर जोन से भी कुछ अफसर बालाजी विहार पहुंच गए थे।
नहीं होने देंगे कार्रवाई
बालाजी विहार क लोगों का कहना है कि वे किसी सूरत में निगम को तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं करने देंगे। वे वर्षों से यहां रह रहें है और उनके पास जमीन के कागजात भी हैं। निगम उनकी जमीन को अवैध करार नहीं दे सकता है।
वर्जन
कार्रवाई के विरोध में काफी लोग मौके पर जमा हो गए थे। हमारे पास पुलिस बल भी कम था, ऐसे में बवाल बढ़ सकने की आशंका को देखते हुए टीम को बिना कार्रवाई के लिए लौटना पड़ा। अब फुल फोर्स मिलने के बाद ही तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाएगी। - अखिलेश कुमार, तहसीलदार