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लंदन की तरह स्मार्ट होगा गाजियाबाद का ट्रांसपॉर्ट सिस्टम

लंदन की तर्ज पर जल्दी ही गाजियाबाद के लोगों को भी स्मार्ट इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम मिलेगा। पलूशन फ्री पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम के सर्वे के लिए इंग्लैंड बेस आरबी कंसल्टेंट कंपनी ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। सर्वे के दौरान पता लगाया जा रहा है कि किस रूट पर ई-पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम चालू किया जाए।

किरणपाल राणा | नवभारत टाइम्स 7 Mar 2018, 1:46 pm
गाजियाबाद
नवभारतटाइम्स.कॉम transpo

लंदन की तर्ज पर जल्दी ही गाजियाबाद के लोगों को भी स्मार्ट इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम मिलेगा। पलूशन फ्री पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम के सर्वे के लिए इंग्लैंड बेस आरबी कंसल्टेंट कंपनी ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। सर्वे के दौरान पता लगाया जा रहा है कि किस रूट पर ई-पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम चालू किया जाए। पहले फेज में 150 इलेक्ट्रिक बसों को रोड पर उतारा जाएगा। इस प्लैनिंग की पुष्टि नगर आयुक्त सी.पी. सिंह ने की है। सूत्र बताते हैं कि पहले इस ट्रांसपॉर्ट सिस्टम को नोएडा में ले जाने का प्लान था, लेकिन जिला प्रशासन के प्रयास से इसे यहां लाया गया है।

प्रदूषण फ्री ट्रांसपॉर्ट सिस्टम पर जोर
सिटी में अभी तीन प्रकार (सीएनजी, पेट्रोल, डीजल) के वाहन चलते हैं। अधिक वाहनों व अन्य कारणों से शहर में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी शहरों को प्रदूषण फ्री पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम को डिवेलप करने के लिए कहा था। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही जिला प्रशासन ने इस सिस्टम को यहां लागू करने का फैसला किया है। प्रदूषण फ्री सिस्टम के लिए प्रशासन ने इंग्लैंड बेस आरबी कंसल्टेंट कंपनी से सर्वे करने को कहा है।

जल्द तैयार होगी फिजिबिलिटी रिपोर्ट

सी. पी. सिंह ने बताया कि कंसल्टेंट कंपनी ने सिटी को दिल्ली और आसपास के शहरों से जोड़ने वाले रूटों पर इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया है।

रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर होगा काम

इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम के लिए प्रशासन को पैसा नहीं देना होगा। कंपनी पीपीपी (प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप) मॉडल और रेवेन्यू शेयरिंग प्लान के तहत सिटी में यह सुविधा मुहैया कराएगी। प्रशासन भी रेवेन्यू शेयरिंग सिस्टम में दिलचस्पी दिखा रहा है। इस क्रम में वाहन व ड्राइवर कंपनी का होगा, जबकि कंडक्टर प्रशासन का होगा। यात्रियों से जो पैसा आएगा उसे संबंधित अथॉरिटी रखेगी, जबकि बस चलाने वाली कंपनी सिर्फ प्रति किमी के हिसाब से पैसा लेगी।

फर्स्ट फेज में दिल्ली-नोएडा रूट पर काम

सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में गाजियाबाद से दिल्ली व गाजियाबाद से नोएडा और ग्रेटर नोएडा रूट पर हेवी इलेक्ट्रिक वाहनों को उतारा जाएगा। इसके बाद दूसरे फेज में मेट्रो स्टेशन से रेलवे स्टेशन को जोड़ने के लिए मिनी इलेक्ट्रिक वाहन चलाए जाएंगे। थर्ड फेज में कॉलोनी से मेन रोड तक के रूट पर इलेक्ट्रिक ऑटो चलेंगे।

क्या है इलेक्ट्रिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम
इलेक्ट्रिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम में तीन कैटिगरी होती हैं। पहली कैटिगरी में हेवी ट्रांसपॉर्ट है जिसके तहत इलेक्ट्रिक बसें चलती हैं। दूसरी कैटिगरी मीडियम ट्रांसपॉर्ट सिस्टम है, इसमें मिनी इलेक्ट्रिक बसें चलती हैं। वहीं तीसरी कैटिगरी में लाइट ट्रांसापॉर्ट के तहत ई-रिक्शा चलता है।

क्या कहते हैं अधिकारी

प्रॉजेक्ट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कंपनी ने सर्वे शुरू कर दिया है। रिपोर्ट आने के बाद प्लान को यूपी सरकार के पास भेजा जाएगा। वहां से ग्रीन सिग्नल मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। शासन से मंजूरी में कोई दिक्कत इसलिए नहीं आएगी, क्योंकि इसमें कोई पैसा नहीं देना है। -सी.पी. सिंह, नगर आयुक्त
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