अवंतिका कॉलोनी ओवरटेक घोटाला
कॉलोनी में 126 करोड़ रुपये के विकास कार्य पड़े हैं अधूरे
निगम ने बिल्डर से सिर्फ 11 लाख रुपये लेकर टेकओवर की थी कॉलोनी
जांच कमिटी इसी हफ्ते रिपोर्ट मेरठ मंडल के मंडलायुक्त को सौंपेगी
नगर संवाददाता, गाजियाबाद
अवंतिका कॉलोनी टेक ओवर घोटाले की जांच पूरी हो गई है। इसी हफ्ते जांच रिपोर्ट मंडलायुक्त डॉ. प्रभात कुमार को सौंप दी जाएगी। इस जांच रिपोर्ट को लेकर यहां निगम के अफसरों की सांसे अटकी हुई हैं।
क्या है मामला
शास्त्रीनगर से सटी अवंतिका कॉलोनी को एक प्राइवेट बिल्डर ने डिवेलप किया है। करीब 82 एकड़ की जमीन के ले-आउट वाली इस कॉलोनी को नगर निगम ने मार्च 2016 में गुपचुप तरीके से टेकओवर कर लिया था। क्षेत्रीय पार्षद वीरेंद्र चौधरी और कॉलोनी की आरडब्ल्यूए का आरोप है कि कॉलोनी में 126 करोड़ रुपये के विकास कार्य अधूरे पड़े थे। जबकि निगम ने बिल्डर से सिर्फ 11 लाख रुपये लेकर कॉलोनी टेकओवर कर ली है।
मंडलायुक्त के आदेश पर जांच
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद निवर्तमान मेयर आशु वर्मा ने मंडलायुक्त को जांच कराने को पत्र लिखा था। मंडलायुक्त के निर्देश पर जीडीए वीसी कंचन वर्मा की अगुवाई में बनी कमिटी ने जांच की। कमिटी में सीएटीपी, चीफ इंजीनिर जीडीए और नगर आयुक्त सी. पी. सिंह शामिल है।
जांच से अटकी कई अफसरों की सांस
सूत्रों ने बताया कि कमिटी ने जांच पूरी कर ली है। वीसी कंचन वर्मा ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जांच पूरी हो चुकी है। इसी सप्ताह मंडलायुक्त को सौंप दी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि जांच में नगर निगम के कई पूर्व और मौजूदा अफसरों को दोषी बताए गए हैं। इन अफसरों को डर है कि मंडलायुक्त कहीं जांच रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ यूपी सरकार से निलंबन की कार्रवाई न करा दे। इसको लेकर निगम के कई अफसरों की सांसे अटकी है।
गिरफ्तारी से डरे अफसर
निगम सूत्रों के अनुसार इस मामले में शामिल रहे अफसरों को इस बात का डर लग रहा है कि कहीं मंडलायुक्त उनके खिलाफ एफआईआर कर गिरफ्तारी न करा दें। उल्लेखनीय है कि मंडलायुक्त पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोप में कई अफसरों के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई कर चुके हैं।