तेजेश चौहान, गाजियाबाद
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी इलाके में आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के तहत भूमि अधिग्रहित की गई थी लेकिन इस इलाके के किसान आवास विकास परिषद के दिए मुआवजे से संतुष्ट नहीं हैं। इसके चलते इस भूमि के उचित मुआवजे की मांग को लेकर 17 किसानों ने सांकेतिक समाधि लेकर आवास विकास के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। इस इलाके के 6 गांव के किसान पिछले 5 साल से लगातार धरने पर बैठे हुए हैं। अभी तक इनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ तो इन किसानों ने अपनी योजना के तहत बुधवार को सांकेतिक समाधि ले ली।
पिछले 5 साल से धरने पर बैठे किसानों ने सांकेतिक समाधि ली
लोनी इलाके के करीब 6 गांव के किसानों की 2614 एकड़ जमीन को आवास विकास परिषद ने अधिग्रहित किया था लेकिन किसानों का कहना है कि जो मुआवजा इन किसानों को दिया गया है वह पुराने रेट के आधार पर दिया गया है। यानी उचित मुआवजा उन्हें नहीं मिल पाया, जिसके कारण 6 गांव के सभी किसान करीब पिछले 5 साल के धरने पर बैठे हुए हैं। किसानों का कहना है कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान कोई हल नहीं निकल पाया तो बीजेपी की सरकार से किसानों को खासी उम्मीद थी।
इसके बावजूद भी किसानों की तरफ किसी का कोई ध्यान नहीं गया है। अब मजबूर होकर किसानों ने आमरण अनशन कर प्रतीकात्मक जिंदा समाधि लेने की चेतावनी दी थी। एडीएम, एसडीएम, सीओ और आवास-विकास परिषद के अधिकारियों ने किसानों से वार्ता कर समस्या का हल निकालने की अपील की थी लेकिन तमाम वार्ता असफल रही और बुधवार को 17 किसानों ने योजना के तहत सांकेतिक समाधि लेकर विरोध जताया।
इससे पहले भी कई तरह से किया जा चुका है प्रदर्शन
किसानों की चेतावनी दिए जाने के बाद 17 किसान अपने द्वारा खोदे गए गड्ढों में लेट गए। उधर सुरक्षा की दृष्टि से इलाके में भारी सुरक्षा बल भी तैनात किया गया और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने गड्ढे में लेटे किसानों के ऊपर मिट्टी नहीं डालने दी। उधर संकेतिक समाधि लेने वाले किसान नेता मनवीर तेवतिया, नीरज त्यागी, बृजेश त्यागी, मोनू त्यागी, रामनरेश ने बताया कि इस समस्या का समाधान ना होने तक यह सभी किसान गड्ढों में लेटे रहेंगे।
उन्होंने बताया कि इस इलाके के 6 गांव के किसानों की 2614 एकड़ जमीन है।जिसका किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया गया है।उन्होंने कहा कि करीब 2000 किसान इससे प्रभावित हैं।सभी किसान लगातार अपनी मांग को किसी ना किसी तरह से उठाते आ रहे हैं।उन्होंने बताया कि मुआवजे की इस मांग को लेकर आवास विकास परिषद के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों ने मानव श्रृंखला, सिर मुंडन, अर्धनग्न ,आमरण अनशन, कर भी विरोध जताया।लेकिन अभी तक भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।अब मजबूरी में 17 किसान सांकेतिक समाधि लेने के लिए मजबूर हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी इलाके में आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के तहत भूमि अधिग्रहित की गई थी लेकिन इस इलाके के किसान आवास विकास परिषद के दिए मुआवजे से संतुष्ट नहीं हैं। इसके चलते इस भूमि के उचित मुआवजे की मांग को लेकर 17 किसानों ने सांकेतिक समाधि लेकर आवास विकास के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। इस इलाके के 6 गांव के किसान पिछले 5 साल से लगातार धरने पर बैठे हुए हैं। अभी तक इनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ तो इन किसानों ने अपनी योजना के तहत बुधवार को सांकेतिक समाधि ले ली।
पिछले 5 साल से धरने पर बैठे किसानों ने सांकेतिक समाधि ली
लोनी इलाके के करीब 6 गांव के किसानों की 2614 एकड़ जमीन को आवास विकास परिषद ने अधिग्रहित किया था लेकिन किसानों का कहना है कि जो मुआवजा इन किसानों को दिया गया है वह पुराने रेट के आधार पर दिया गया है। यानी उचित मुआवजा उन्हें नहीं मिल पाया, जिसके कारण 6 गांव के सभी किसान करीब पिछले 5 साल के धरने पर बैठे हुए हैं। किसानों का कहना है कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान कोई हल नहीं निकल पाया तो बीजेपी की सरकार से किसानों को खासी उम्मीद थी।
इसके बावजूद भी किसानों की तरफ किसी का कोई ध्यान नहीं गया है। अब मजबूर होकर किसानों ने आमरण अनशन कर प्रतीकात्मक जिंदा समाधि लेने की चेतावनी दी थी। एडीएम, एसडीएम, सीओ और आवास-विकास परिषद के अधिकारियों ने किसानों से वार्ता कर समस्या का हल निकालने की अपील की थी लेकिन तमाम वार्ता असफल रही और बुधवार को 17 किसानों ने योजना के तहत सांकेतिक समाधि लेकर विरोध जताया।
इससे पहले भी कई तरह से किया जा चुका है प्रदर्शन
किसानों की चेतावनी दिए जाने के बाद 17 किसान अपने द्वारा खोदे गए गड्ढों में लेट गए। उधर सुरक्षा की दृष्टि से इलाके में भारी सुरक्षा बल भी तैनात किया गया और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने गड्ढे में लेटे किसानों के ऊपर मिट्टी नहीं डालने दी। उधर संकेतिक समाधि लेने वाले किसान नेता मनवीर तेवतिया, नीरज त्यागी, बृजेश त्यागी, मोनू त्यागी, रामनरेश ने बताया कि इस समस्या का समाधान ना होने तक यह सभी किसान गड्ढों में लेटे रहेंगे।
उन्होंने बताया कि इस इलाके के 6 गांव के किसानों की 2614 एकड़ जमीन है।जिसका किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया गया है।उन्होंने कहा कि करीब 2000 किसान इससे प्रभावित हैं।सभी किसान लगातार अपनी मांग को किसी ना किसी तरह से उठाते आ रहे हैं।उन्होंने बताया कि मुआवजे की इस मांग को लेकर आवास विकास परिषद के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों ने मानव श्रृंखला, सिर मुंडन, अर्धनग्न ,आमरण अनशन, कर भी विरोध जताया।लेकिन अभी तक भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।अब मजबूरी में 17 किसान सांकेतिक समाधि लेने के लिए मजबूर हुए हैं।