कैग ने सूचनाएं समय पर उपलब्ध न करवाने के लिए जताई नाराजगी
वस, गाजियाबाद
पिछले तीन महीने से अधिक समय से कैग की टीम जीडीए की जांच कर रही है। आरोप है कि कैग की जांच में जीडीए के अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कैग की टीम ने सूचनाओं को समय पर उपलब्ध न करवाने के लिए नाराजगी जाहिर की है। कैग का कहना है कि सूचनाएं नहीं मिल पाने की वजह से जांच प्रभावित हो रही है। कैग ने जीडीए का एक बार फिर परफारमेंस ऑडिट करने को कहा है।
मालूम हो कि कैग की टीम ने जीडीए से जुड़ीं छोटी-बड़ी सभी जानकारियों को एक फार्मेट में मांगा था। जिसकी वजह से जीडीए के अधिकारियों की टेंशन बढ़ गई थी। कैग की टीम ने पिछली बार हुई जांच की आपत्तियों को दोबारा से संशोधित करके जवाब देने को भी कहा है। जीडीए की तरफ से अभी तक इसका कोई जवाब नहीं दिया गया है।
यह है मामला
कैग की टीम ने पिछले साल करीब छह महीने जांच की थी। इसके बाद कैग की टीम ने दोबारा से जांच करने की मांग की तो प्रमुख सचिव (आवास) ने कैग को इसकी अनुमति दे दी। इसके बाद फरवरी के पहले हफ्ते में कैग ऑडिट अधिकारी राजेंद्र त्रिपाठी की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम ने जीडीए के दस्तावेजों की जांच की। कैग की टीम ने संपत्ति अनुभाग से विभिन्न योजनाओं में आवंटन से संबंधित फाइलें तलब कीं। ये फाइलें 2012 से 2017 तक किए गए आवंटन की हैं। इसके अलावा कैग ने मेट्रो फेज-2 के लिए खरीदी गईं सभी जमीनों की फाइलें भी अपने कब्जे में ली हैं।