ऐपशहर

Ghaziabad News: फर्जी फर्म ने नहीं भरा GST रिटर्न, तब खुला 14 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का राज

Ghaziabad Latest News: यूपी के गाजियाबाद में शुक्रवार को एकेएस इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड पर 14.19 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी (Tax Evasion) के आरोप में रेड करके सेंट्रल जीएसटी की टीम ने अकाउंटेंट अजीत को गिरफ्तार किया है।

नवभारत टाइम्स 24 Jan 2021, 9:44 am
गाजियाबाद
नवभारतटाइम्स.कॉम tax evasion
सांकेतिक तस्वीर

दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद समेत पूरे देश में इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर टैक्स चोरी का खेल चल रहा है। जिले में अभी तक स्टेट और सेंट्रल जीएसटी की टीम ने करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक के टैक्स चोरी के मामले पकड़े हैं लेकिन इस पर अभी भी कोई रोक नहीं लग पा रहा है। शुक्रवार को एकेएस इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड पर 14.19 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के आरोप में रेड करके सेंट्रल जीएसटी की टीम ने अकाउंटेंट अजीत को गिरफ्तार किया है।

टीम के मुताबिक, कंपनी के मालिक अरुण कुमार सोम, लविका सोम और सीईओ हृदयेश राघव फरार चल रहे हैं। फरार कंपनी मालिक अलग-अलग जगह से कार्रवाई को रोकने का दबाव बनवाने में लगा हुआ है लेकिन विभाग के अधिकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है।

इनपुट टैक्स क्रेडिट की रकम जमा होने के बाद ही राहत
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जब तक लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट की रकम को जमा नहीं करवाया जाता है तब तक किसी भी तरह से राहत नहीं मिलेगी। आईटीएस को किस्त के माध्यम से भी जमा करवाया जा सकता है।

ऐसे हुआ खुलासा
अधिकारियों ने बताया कि एकेएस इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड का पिछले साल 350 करोड़ रुपये का टर्नओवर था। लेकिन इस साल आईटीएस लेने के चलते कंपनी मालिक ने बोगस फर्म के माध्यम से बिल बनाकर आईटीएस लेने का प्रयास किया।

जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं करने पर हुई खोजबीन
बोगस फर्म के नाम पर बिल था, जब उसने जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं किया तो उसकी खोजबीन शुरू हुई। खोजबीन में उस कंपनी का कोई अस्तित्व ही नहीं मिला। इसके बाद इनके बाकी बिलों की जांच शुरू हुई। जिस पर आईटीएस लिया गया है। उससे जुड़े बिल की कोई कंपनी का अस्तित्व नहीं मिला। जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ।

विभाग की कमियों का उठा रहे फायदा
2017 में जब जीएसटी लागू हुआ तो बड़ी संख्या में लोगों ने बोगस फर्म बना ली। इसका कोई फिजिकल वेरीफिकेशन नहीं हुआ। यदि कहीं पर वेरीफिकेशन हुआ तो वहां पर ट्रेडिंग के नाम पर किराए की एक दुकान मिल गई। जो कुछ समय बाद खत्म हो गई। जिसकी वजह से लोग बोगस फर्म का बिल पेश करके आईटीसी हासिल करते हैं। यह खेल पूरे देश में चल रहा है। सरकार के राजस्व को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग