अखंडप्रताप सिंह, गाजियाबाद
रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के साहिबाबाद स्टेशन से मेट्रो को जोड़ने के लिए जीडीए ने नोएडा सेक्टर-62 से मोहननगर तक प्रस्तावित रूट की डीपीआर में संशोधन के निर्देश दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को दिए हैं। संशोधित डीपीआर 1 महीने के अंदर आएगी। मालूम हो कि डीएमआरसी के इस कॉरिडोर की पहली संशोधित डीपीआर पर नैशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपॉर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद जीडीए ने एक बार फिर डीपीआर संशोधित करने के लिए कहा है।
इसलिए पड़ी जरूरत
जीडीए के अधिकारी बताते हैं कि अभी आरआरटीएस के साहिबाबाद स्टेशन और सेक्टर-62 से मोहननगर तक प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर के वसुंधरा सेक्टर-2 के स्टेशन के बीच की दूरी करीब 1.6 किमी है। यानी हाईस्पीड ट्रेन और मेट्रो की कनेक्टिविटी इस पॉइंट पर नहीं हो पा रही है। एनसीआरटीसी का मानना है कि मेट्रो से कनेक्टिविटी यात्रियों के लिए बहुत जरूरी है। एनसीआरटीसी ने इसलिए मौजूदा डीपीआर पर आपत्ति दर्ज कराई थी, इसी आपत्ति के बाद यह बदलाव किया जा रहा है। अब कॉरिडोर के अलाइनमेंट में बदलाव करते हुए आरआरटीएस के साहिबाबाद स्टेशन की तरफ से नया मेट्रो स्टेशन प्लान करना होगा जिससे दोनों स्टेशन आपस में जुड़ सकें।
पहले भी हुआ है संशोधन
बता दें कि कुछ समय पहले गाजियाबाद में मेट्रो के 2 रूट प्रस्तावित थे। पहला नोएडा सेक्टर-62 से साहिबाबाद और दूसरा वैशाली से मोहननगर तक का। पर जीडीए ने दिसंबर 2018 में फैसला किया कि पहले नोएडा सेक्टर-62 से मोहननगर तक को सीधे जोड़ा जाए। इसके लिए इसके पहले के डीपीआर में संशोधन किया गया। इसके चलते वसुंधरा सेक्टर-2 नया स्टेशन बनाया गया। अब एक बार फिर संशोधन किया जाएगा।
बनेगा नया स्टेशन, हटेगा वसुंधरा का स्टेशन
अधिकारी बताते हैं कि डीएमआरसी के नए अलाइनमेंट के तहत वसुंधरा के किसी एक स्टेशन को हटाया जाएगा। क्योंकि यहां वसुंधरा सेक्टर-5 और सेक्टर-2 में अलग-अलग स्टेशन बनना है। साहिबाबाद से इसे इंटरकनेक्ट करने के लिए अभी के कॉरिडोर की लाइन में डीएमआरसी बदलाव करेगा। इसके बाद ही साहिबाबाद स्टेशन की तरफ से ही स्टेशन बन सकेगा। इसके लिए नया स्टेशन भी बनाया जा सकता है।
वर्तमान डीपीआर के अनुसार
दूरी-5.91 किमी
स्टेशन-6 (सभी एलिवेटेड)
रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के साहिबाबाद स्टेशन से मेट्रो को जोड़ने के लिए जीडीए ने नोएडा सेक्टर-62 से मोहननगर तक प्रस्तावित रूट की डीपीआर में संशोधन के निर्देश दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को दिए हैं। संशोधित डीपीआर 1 महीने के अंदर आएगी। मालूम हो कि डीएमआरसी के इस कॉरिडोर की पहली संशोधित डीपीआर पर नैशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपॉर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद जीडीए ने एक बार फिर डीपीआर संशोधित करने के लिए कहा है।
इसलिए पड़ी जरूरत
जीडीए के अधिकारी बताते हैं कि अभी आरआरटीएस के साहिबाबाद स्टेशन और सेक्टर-62 से मोहननगर तक प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर के वसुंधरा सेक्टर-2 के स्टेशन के बीच की दूरी करीब 1.6 किमी है। यानी हाईस्पीड ट्रेन और मेट्रो की कनेक्टिविटी इस पॉइंट पर नहीं हो पा रही है। एनसीआरटीसी का मानना है कि मेट्रो से कनेक्टिविटी यात्रियों के लिए बहुत जरूरी है। एनसीआरटीसी ने इसलिए मौजूदा डीपीआर पर आपत्ति दर्ज कराई थी, इसी आपत्ति के बाद यह बदलाव किया जा रहा है। अब कॉरिडोर के अलाइनमेंट में बदलाव करते हुए आरआरटीएस के साहिबाबाद स्टेशन की तरफ से नया मेट्रो स्टेशन प्लान करना होगा जिससे दोनों स्टेशन आपस में जुड़ सकें।
पहले भी हुआ है संशोधन
बता दें कि कुछ समय पहले गाजियाबाद में मेट्रो के 2 रूट प्रस्तावित थे। पहला नोएडा सेक्टर-62 से साहिबाबाद और दूसरा वैशाली से मोहननगर तक का। पर जीडीए ने दिसंबर 2018 में फैसला किया कि पहले नोएडा सेक्टर-62 से मोहननगर तक को सीधे जोड़ा जाए। इसके लिए इसके पहले के डीपीआर में संशोधन किया गया। इसके चलते वसुंधरा सेक्टर-2 नया स्टेशन बनाया गया। अब एक बार फिर संशोधन किया जाएगा।
बनेगा नया स्टेशन, हटेगा वसुंधरा का स्टेशन
अधिकारी बताते हैं कि डीएमआरसी के नए अलाइनमेंट के तहत वसुंधरा के किसी एक स्टेशन को हटाया जाएगा। क्योंकि यहां वसुंधरा सेक्टर-5 और सेक्टर-2 में अलग-अलग स्टेशन बनना है। साहिबाबाद से इसे इंटरकनेक्ट करने के लिए अभी के कॉरिडोर की लाइन में डीएमआरसी बदलाव करेगा। इसके बाद ही साहिबाबाद स्टेशन की तरफ से ही स्टेशन बन सकेगा। इसके लिए नया स्टेशन भी बनाया जा सकता है।
वर्तमान डीपीआर के अनुसार
दूरी-5.91 किमी
स्टेशन-6 (सभी एलिवेटेड)