अखंडप्रताप सिंह, गाजियाबाद
हाईस्पीड ट्रेन हिंडन एलिवेटेड रोड के पिलर नंबर 188 और 189 के बीच से गुजरेगी। इस ट्रेन का ट्रैक एलिवेटेड रोड से 6.61 मीटर नीचे होगा। इसके लिए मंगलवार को जीडीए ने नैशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) को एनओसी दे दी है। परियोजना के एक्जिक्यूटिव इंजिनियर एके चौधरी ने एनसीआरटीसी के डिप्टी चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर को इस संबंध में पत्र भेज दिया है। उन्होंने इन दोनों पिलरों के बीच से हाईस्पीड ट्रेन का स्ट्रक्चर बनाने की अनुमति दे दी है।
जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों पिलर की ऊंचाई करीब 12 मीटर है। हाईस्पीड ट्रेन के पिलर की ऊंचाई करीब पांच मीटर तक होगी। फिर इसके ऊपर ट्रेन का कोच होगा। इसके गुजरने से एलिवेटेड रोड पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। साथ ही न्यू लिंक रोड के पास भी एनओसी की डिमांड की गई है। उस पर भी सहमति दे दी गई है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि एलिवेटेड रोड के नीचे हाईस्पीड ट्रेन के स्ट्रक्चर बनाने पर अनुमति मिलने से साहिबाबाद से दुहाई वाले प्राथमिकता खंड के इस स्ट्रेच का काम भी तेजी के साथ चलेगा।
100 से अधिक पिलर की पाइलिंग का काम पूरा
एनसीआरटीसी के अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकता खंड में दुहाई से गाजियाबाद के बीच काम तेजी के साथ चल रहा है। अभी तक मेरठ रोड पर 100 से अधिक पिलर की पाइलिंग का काम हो चुका है। वहीं दूसरी तरफ अगले सप्ताह से साहिबाबाद से गाजियाबाद के बीच में पाइलिंग का काम शुरू हो जाएगा। इस एनओसी के मिलने से यहां पर एनसीआरटीसी को काम करने में दिक्कत नहीं आएगी।
यह है नियम
जीडीए के अधिकारी बताते हैं कि इंडियन रोड कांग्रेस के कोड के अनुसार यदि किसी एलिवेटेड स्ट्रक्चर के नीचे से कोई दूसरा स्ट्रक्चर बनाना है तो दोनों के बीच का अंतर कम से कम 5.5 से 6 मीटर होना चाहिए। यदि इससे कम है तो वहां पर एनओसी नहीं दी जा सकती है।
NHAI ने भी दी हरी झंडी
दुहाई के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के पास से हाईस्पीड ट्रेन गुजरेगी। यह ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से छह मीटर से अधिक ऊंचाई से गुजरेगी। इसके लिए एनएचएआई की तरफ से हरी झंडी देने पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। एनएचएआई के अधिकारी बताते हैं कि दो से तीन दिन के अंदर पत्र जारी कर दिया जाएगा।
स्पीड पर नहीं होगा कोई फर्क
एलिवेटेड रोड के नीचे से गुजरने के बाद भी हाईस्पीड ट्रेन की स्पीड पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। एनसीआरटीसी के इंजीनियर बताते हैं कि इसको इस तरह से डिजाइन किया जाएगा जिससे एलिवेटेड रोड पर चलने वाले वाहन चालकों को हाईस्पीड ट्रेन गुजरने पर कंपन महसूस न हो।
मार्च 2023 तक पूरा होगा का काम
साहिबाबाद से दुहाई को प्राथमिकता खंड पर रखकर काम किया जा रहा है। इसे मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि पूरे रूट पर 2026 तक चलाया जाएगा। 82 किमी की इस लाइन में कुल 24 स्टेशन होंगे। पहला स्टेशन दिल्ली का सराय काले खां होगा और अंतिम स्टेशन मेरठ का मोदीपुरम होगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 30274 करोड़ रुपये होगी। 60 मिनट के भीतर यात्रा पूरी हो जाएगी।
गाजियाबाद में होंगे यह स्टेशन
साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुरादनगर, मोदीनगर नार्थ और मोदीनगर साउथ होंगे।
हाईस्पीड ट्रेन हिंडन एलिवेटेड रोड के पिलर नंबर 188 और 189 के बीच से गुजरेगी। इस ट्रेन का ट्रैक एलिवेटेड रोड से 6.61 मीटर नीचे होगा। इसके लिए मंगलवार को जीडीए ने नैशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) को एनओसी दे दी है। परियोजना के एक्जिक्यूटिव इंजिनियर एके चौधरी ने एनसीआरटीसी के डिप्टी चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर को इस संबंध में पत्र भेज दिया है। उन्होंने इन दोनों पिलरों के बीच से हाईस्पीड ट्रेन का स्ट्रक्चर बनाने की अनुमति दे दी है।
जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों पिलर की ऊंचाई करीब 12 मीटर है। हाईस्पीड ट्रेन के पिलर की ऊंचाई करीब पांच मीटर तक होगी। फिर इसके ऊपर ट्रेन का कोच होगा। इसके गुजरने से एलिवेटेड रोड पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। साथ ही न्यू लिंक रोड के पास भी एनओसी की डिमांड की गई है। उस पर भी सहमति दे दी गई है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि एलिवेटेड रोड के नीचे हाईस्पीड ट्रेन के स्ट्रक्चर बनाने पर अनुमति मिलने से साहिबाबाद से दुहाई वाले प्राथमिकता खंड के इस स्ट्रेच का काम भी तेजी के साथ चलेगा।
100 से अधिक पिलर की पाइलिंग का काम पूरा
एनसीआरटीसी के अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकता खंड में दुहाई से गाजियाबाद के बीच काम तेजी के साथ चल रहा है। अभी तक मेरठ रोड पर 100 से अधिक पिलर की पाइलिंग का काम हो चुका है। वहीं दूसरी तरफ अगले सप्ताह से साहिबाबाद से गाजियाबाद के बीच में पाइलिंग का काम शुरू हो जाएगा। इस एनओसी के मिलने से यहां पर एनसीआरटीसी को काम करने में दिक्कत नहीं आएगी।
यह है नियम
जीडीए के अधिकारी बताते हैं कि इंडियन रोड कांग्रेस के कोड के अनुसार यदि किसी एलिवेटेड स्ट्रक्चर के नीचे से कोई दूसरा स्ट्रक्चर बनाना है तो दोनों के बीच का अंतर कम से कम 5.5 से 6 मीटर होना चाहिए। यदि इससे कम है तो वहां पर एनओसी नहीं दी जा सकती है।
NHAI ने भी दी हरी झंडी
दुहाई के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के पास से हाईस्पीड ट्रेन गुजरेगी। यह ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से छह मीटर से अधिक ऊंचाई से गुजरेगी। इसके लिए एनएचएआई की तरफ से हरी झंडी देने पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। एनएचएआई के अधिकारी बताते हैं कि दो से तीन दिन के अंदर पत्र जारी कर दिया जाएगा।
स्पीड पर नहीं होगा कोई फर्क
एलिवेटेड रोड के नीचे से गुजरने के बाद भी हाईस्पीड ट्रेन की स्पीड पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। एनसीआरटीसी के इंजीनियर बताते हैं कि इसको इस तरह से डिजाइन किया जाएगा जिससे एलिवेटेड रोड पर चलने वाले वाहन चालकों को हाईस्पीड ट्रेन गुजरने पर कंपन महसूस न हो।
मार्च 2023 तक पूरा होगा का काम
साहिबाबाद से दुहाई को प्राथमिकता खंड पर रखकर काम किया जा रहा है। इसे मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि पूरे रूट पर 2026 तक चलाया जाएगा। 82 किमी की इस लाइन में कुल 24 स्टेशन होंगे। पहला स्टेशन दिल्ली का सराय काले खां होगा और अंतिम स्टेशन मेरठ का मोदीपुरम होगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 30274 करोड़ रुपये होगी। 60 मिनट के भीतर यात्रा पूरी हो जाएगी।
गाजियाबाद में होंगे यह स्टेशन
साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुरादनगर, मोदीनगर नार्थ और मोदीनगर साउथ होंगे।