आयुष गंगवार, सीएमओ कार्यालय
एनबीटी की ओर से जिला मलेरिया विभाग की बदहाली का मामला उठाने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट हरकत में आ गया है। एनबीटी में 24 जुलाई को खबर प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया कार्यालय के जीर्णोद्धार के लिए दोबारा एस्टीमेट बनाकर भेजा है। निर्माण विभाग ने 9 लाख 06 हजार 554 रुपये का रिवाइज एस्टीमेट बनाया, जिसे सीएमओ डॉ.एन.के. गुप्ता ने हस्ताक्षर कर शासन को भेज दिया है।
एनबीटी ने जिला मलेरिया कार्यालय में जलभराव की समस्या उठाई थी। पब्लिक और अन्य विभागों से जलभराव को रोकने की अपील करने वाले मलेरिया विभाग के कार्यालय में ही पानी जमा रहने से बरसात के दिनों में यहां आना-जाना दूभर हो जाता है। मलेरिया कार्यालय की दीवारों में सीलन है और यहां कर्मचारियों के लिए पीने के पानी तक की कोई व्यवस्था नहीं है। कुछ साल पहले यहां बनाए गए टॉयलेट की दीवार में पौधा उग आया था। पौधा बड़ा होने से टॉयलेट की हालत खराब हो गई है।
हेल्थ डिपार्टमेंट के जूनियर इंजीनियर आदित्य धीमान का कहना है कि मलेरिया विभाग की मरम्मत के लिए डेढ़ साल पहले पौने 9 लाख का एस्टीमेट भेजा गया था। किन्ही कारणों से बजट पास नहीं हो पाया। सीएमओ के आदेश पर दोबारा एस्टीमेट बनाया है। बिल्डिंग की मरम्मत, पानी की निकासी, पेयजल व्यवस्था, फर्नीचर व टॉयलेट निर्माण सहित करीब 15 काम कराए जाने हैं।
कोट
मलेरिया विभाग की बदहाली के बारे में शासन को अवगत कराया है। उच्च अधिकारियों से बात कर ली है, जल्द ही बजट मिलने की उम्मीद है। इसके बाद काम शुरू कराया जाएगा।
-डॉ.एन.के. गुप्ता, सीएमओ