टीएचए के कई रिहायशी इलाकों में बाजार चल रहे हैं। मोहन नगर जोन में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है। लोगों ने मकान व फ्लैट के नीचे दुकान बनाकर मुख्य सड़क तक अतिक्रमण कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में अवैध निर्माण और अतिक्रमण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार को फटकार लगाई है और कहा है कि इससे आम लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को एनबीटी ने मोहन नगर जोन के विभिन्न इलाकों की पड़ताल की। पेश है प्रदीप चौहान की रिपोर्ट:
लाजपत नगर सी, एफ व जी ब्लॉक
रेजिडेंशल इलाकों में दुकानें इस तरह से बनी हुई हैं कि यह पहचान करना मुश्किल है कि एरिया रेजिडेंशल है या कमर्शल। लाजपत नगर के मकान व फ्लैट दुकानों का रूप ले चुके हैं। लाजपत नगर जी, एफ व सी ब्लॉक में जीडीए के फ्लैट हैं, लेकिन अधिकांश फ्लैट के ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें चल रही हैं। लोगों का आरोप है कि बिल्डरों ने अधिकारियों से मिलीभगत कर जीडीए फ्लैटों के ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें बनाकर बेची हैं।
शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-2, शिवचौक व डेढ़ सौ फुटा रोड
इस इलाके में ग्राउंड फ्लोर के ज्यादातर फ्लैट में कढ़ाई-बुनाई सेंटर, क्लिनिक, किराने की दुकानें, ऑफिस, शोरूम और होटल खुले हुए हैं। शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-2 इलाके में जीडीए ने काफी समय पहले दो मंजिला फ्लैटों का आवंटन किया था। लेकिन आजकल मेन रोड के सभी फ्लैट्स में किसी न किसी की दुकान चल रही है। इन दुकानों की वजह से यहां लोगों की हमेशा भीड़ लगी रहती है, जिससे बाकी लोग परेशान हो जाते हैं।
श्यामपार्क एक्सटेंशन व मेन
जीट रोड से श्यामपार्क, जैन पार्क व जिंदल मार्केट रोड का पूरा इलाका रेजिडेंशल है, लेकिन यहां भी फ्लैटों के नीचे बड़ी संख्या में दुकानें चलाई जा रही हैं। इलाके में बैंक और मोबाइल कंपनियों के बड़े शोरूम खुले हुए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां दुकानों की संख्या काफी बढ़ गई है।
राजेंद्र नगर सेक्टर-3
राजेंद्र नगर सेक्टर-3 के आसपास जीडीए के दो मंजिला फ्लैट हैं। यहां भी लोगों ने सड़क के पास बने फ्लैट को कमर्शल तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां मेडिकल स्टोर, सैलून, किराना, इलैक्ट्रिकल और प्ले स्कूल का संचालन हो रहा है। दिनभर यह इलाका इस कारण से व्यस्त रहता है। लोगों का कहना है कि जीडीए अधिकारियों की मिलीभगत से ही मकानों के नीचे दुकान चल रही हैं। अगर जीडीए की ओर से कोई ऐक्शन भी लिया जाता है तो महज खानापूर्ति कर दी जाती है लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
घरों में दुकानें
लाजपत नगर सी ब्लॉक-250
राजेंद्र नगर सेक्टर तीन-220
शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-2-180
श्याम पार्क एक्सटेंशन-350
अधिकारी का वर्जन
जोन-7 के पूरे इलाके में करीब ढाई हजार दुकानें ऐसी चिह्नित की गई हैं, जो मकानों के नीचे चलाई जा रही हैं। कई बार दुकानों पर कार्रवाई भी की जाती है। यहां अब दोबारा से रेजिडेंशल एरिया में चलने वाली दुकानों को चिह्नित कर उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद दुकानदारों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा। - लवकेश कुमार, एई, जीडीए, जोन-7
पीटॉक
रेजिडेंशल एरिया में दुकानें संचालित होने से काफी दिक्कत होती है। हर समय दुकान पर लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां पर महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। -नीतू सिंह, राजेंद्र नगर
शालीमार गार्डन के रेजिडेंशल एरिया में दुकान होने से गंदगी का अंबार लगा रहता है। इससे आसपास हमेशा बदबू फैली रहती है। यहां पर लोग नरकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हो गए हैं। -सोनी, शालीमार गार्डन
दुकानों के पास वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। बार-बार हॉर्न बजने से वायु प्रदूषण फैला रहता है। यहां रहकर चिढ़-चिढ़ापन पैदा हो गया है। दुकानों पर एक्शन जरूर होना चाहिए। -अखिल जैन, श्यामपार्क एक्सटेंशन
जीडीए अधिकारियों की मिलीभगत से ही मकानों के नीचे दुकान चलती हैं। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है। इसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है। अरुण कुमार चौरसिया, लाजपत नगर
शाम के समय हर दुकान के आगे भीड़ लगी रहती है। यहां से लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है। दुकान पर आने वाले लोग मेन रोड पर ही अपना वाहन खड़ा कर रास्ता बंद कर देते हैं। - सपना त्यागी, शालीमार गार्डन