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फर्जी शस्त्र लाइसेंस में 10 और गिरफ्तार, सिटी मजिस्ट्रेटों से भी होगी पूछताछ

जांच में 10 लोगों के लाइसेंस फर्जी पाए गए। इनमें दो लोगों के दो-दो लाइसेंस थे। सभी ने असलहे खरीद लिए थे। उनके असलहे जब्त कर आर्म्स एक्ट में जेल भेजा गया है। उन्होंने बताया कि ये लाइसेंस 90 के दशक से 2000 के बीच बने थे।

नवभारत टाइम्स 6 Oct 2019, 9:03 pm
गोरखपुर
नवभारतटाइम्स.कॉम फाइल फोटो
फाइल फोटो

फर्जी शस्त्र लाइसेंस के मामले में पुलिस ने रविवार को 10 और लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने इस बार फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह के शिकार बने इन लोगों पर रियायत बरती और उन्हें अवैध असलहा रखने के आरोप में ही जेल भेजा। पहले जेल भेजे गए लोग जालसाजी के मामले में भी मुल्जिम बनाए गए थे। जांच का दायरा बढ़ाते हुए एसआईटी ने सिटी मजिस्ट्रेटों और असलहा बाबुओं को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजने जा रही है।

फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी के प्रभारी एएसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने रविवार शाम पत्रकारों को बताया कि जांच में 10 लोगों के लाइसेंस फर्जी पाए गए। इनमें दो लोगों के दो-दो लाइसेंस थे। सभी ने असलहे खरीद लिए थे। उनके असलहे जब्त कर आर्म्स एक्ट में जेल भेजा गया है। उन्होंने बताया कि ये लाइसेंस 90 के दशक से 2000 के बीच बने थे। इनमें छह लाइसेंस दूसरों के नाम जारी किए गए थे मगर उनकी जगह दूसरों के नाम चढ़ा दिए गए। चार का तो कोई रेकॉर्ड ही नहीं मिला।

बढ़ेगा जांच का दायरा

प्रभारी एएसपी ने बताया कि अब जांच का दायरा थोड़ा बढ़ाया जाएगा। शंका है कि बिना मिलीभगत के इन लोगों के लाइसेंस पर असलहे नहीं चढ़े होंगे। हकीकत जानना बेहद जरूरी है इसलिए उस दौरान के सभी असलहा बाबू व सिटी मजिस्ट्रेटों को भी एसआईटी नोटिस देकर बुलाएगी ताकि तहकीकात मुकम्मल हो सके। गौरतलब है कि इस साल 14 अगस्त को फर्जी शस्त्र लाइसेंस का यह प्रकरण सामने आया था। परत खुलती गई और इसमें कलेक्ट्रट के बाबुओं समेत 12 लोग पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिसमें एक शस्त्र दुकानदार भी शामिल है।

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