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Gorakhpur News: दुबई में पति को 15 साल की जेल, पत्नी ने लगाई गुहार...'खाने को भी पैसे नहीं'

गोरखपुर के अखिलेश पांडे पिछले 10 वर्षों से अरब देश में कार्यरत हैं। पिछले वर्ष अक्टूबर में भारत के दो मुस्लिम युवकों ने पाकिस्तानी नागरिक के साथ मिलकर झूठे आरोप में अखिलेश को फंसा दिया है। जिसके बाद वहां की सरकार ने 15 साल की जेल की सजा सुनाई है। पीड़िता ने सोशल मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है लेकिन अभी तक कोई मदद नही मिली।

Lipi 16 Aug 2020, 10:37 am
प्रकाशिनी मणि त्रिपाठी, गोरखपुर
नवभारतटाइम्स.कॉम दुबई में फंसा दंपती
दुबई में फंसा दंपती

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले अखिलेश पांडेय विगत 10 सालों से UAE में काम करते हैं। अखिलेश की पत्नी अंकिता अब अपने पति के लिए मदद की गुहार लगा रही हैं। उनका कहना है झूठे आरोप में अखिलेश को 15 साल की जेल हो गई है। इसके बाद से उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह अपनी बच्ची के साथ वहां रह सकें। पीड़िता ने सोशल मीडिया के माध्यम से विदेश मंत्रालय से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक से मदद मांगी है। अब 10 महीने बीत चुके हैं लेकिन उन्हें कोई मदद का इंतजार है।

जानकारी के मुताबिक गोरखपुर के अखिलेश पांडे दुबई के रास-अल-खिमा के यूनियन सीमेंट इंडस्ट्री में टेक्निकल ऑफिसर पद पर तैनात हैं। आरोप है कि भारत के ही दो लोगों मोहम्मद शेख (हैदराबाद) और मोहम्मद हुसैन (राजस्थान) ने एक पाकिस्तानी माजिद रऊफ के साथ मिलकर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में अखिलेश को फंसा दिया।

पत्नी ने ट्विटर पर मांगी मदद


इस वजह से वहां की सरकार ने उन्हें 15 साल की जेल की सजा सुना दी। अखिलेश की पत्नी ने बताया कि अक्टूबर में एक पाकिस्तानी और एक सूडानी नागरिक ने ईशनिंदा के झूठे आरोप में उन्हें फंसा दिया है। वह 10 अक्टूबर 2019 से दुबई रास-अल-खेमा की जेल में बंद हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस सिलिसिले में भारत के विदेश मंत्रालय से लेकर पीएमओ तक से सोशल मीडिया के माध्यम से मदद मांगी है लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

बच्ची के इलाज के लिए नहीं हैं पैसे
पीड़िता ने बताया कि उनकी 2 साल की बच्ची लंबे समय से बीमार चल रही है। उसके इलाज लिए तो दूर अब खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं। जो पैसे थे वो शरिया अदालतों के चक्कर काटने में ही चले गए।

शलभ मणि ने दिया आश्वासन


संज्ञान में लिया मामला

सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहते हुए पीड़िता ने एनबीटी से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार को भी इस संबंध में ट्वीट किया था। इसके बाद सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए दुबई में कार्यरत भारतीय दूतावास को ट्वीट कर मदद करने को कहा। हालांकि वहां से भी कोई मदद अब तक नहीं मिल पाई है।

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