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Gorakhpur News: अब कोटे की दुकानों पर भी बनेंगे आयुष्मान कार्ड, ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की है योजना

सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया कि जिले के 1.28 लाख अन्तयोदय कार्डधारकों के करीब 4.83 लाख सदस्यों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया है। वहीं अब जिले के करीब 250 विलेज लेवल इंटरप्रेन्योर (वीएलई) को कोटे की दुकान पर बैठ कर आयुष्मान कार्ड बनाना होगा।

नवभारत टाइम्स 17 Dec 2021, 8:34 am
गोरखपुर
नवभारतटाइम्स.कॉम pjimage (4)
प्रतीकात्मक तस्वीर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में अंत्योदय कार्ड धारकों को अपना कार्ड बनवाने के लिए अब कहीं भटकना नहीं पड़ेगा। अब उनके घर के पास की कोटे की दुकान पर ही उनका आयुष्मान कार्ड बन सकेगा। आयुष्मान कार्ड बनवाने के कार्य में तेजी लाने के लिए जिले के एनेक्सी भवन सभागार में जिलाधिकारी विजय किरण आनंद और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार की मौजूदगी कमियों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
सीएमओ ने बताया कि जिले के 1.28 लाख अन्तयोदय कार्डधारकों के करीब 4.83 लाख सदस्यों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया है। वहीं अब जिले के करीब 250 विलेज लेवल इंटरप्रेन्योर (वीएलई) को कोटे की दुकान पर बैठ कर आयुष्मान कार्ड बनाना होगा।

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वीएलई की होती है अहम भूमिका
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि एक वीएलई तीन से चार अलग-अलग गांवों को देखता है। अब नए आदेश के बाद ज्यादा से ज्यादा लोगों का अन्त्योदय कार्ड के लिए पंजीकरण हो सकेगा और धारकों को आयुष्मान भारत योजना का सीधा लाभ मिल सकेगा।
नोडल अधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि करीब 1.28 लाख अन्त्योदय परिवार योजना से जुड़े हैं जिनके 4.83 लाख सदस्यों के सापेक्ष 78,325 आयुष्मान कार्ड बने हैं। ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों के पास कार्ड उपलब्ध हो सके, इसमें वीएलई की अहम भूमिका होती है। बैठक में स्पष्ट किया गया कि जो वीएलई अपेक्षित कार्ड नहीं बनाएंगे उनका लाइसेंस भी रद्द किए जा सकते हैं। राशन कार्ड वितरण के साथ ही सभी लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा।

मिलती है 5 लाख रुपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा
डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत लाभार्थी परिवार को संबद्ध अस्पताल में 5 लाख रुपये तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा दी जाती है। पहले से कार्ड होने से लाभार्थी का आसानी से वेरिफिकेशन हो जाता है। वह देश के किसी भी संबद्ध अस्पताल से इलाज करवा सकता है। डॉ. सिंह ने बताया कि जिले में 28 सरकारी और 78 निजी अस्पताल योजना के तहत सेवा प्रदान कर रहे हैं। करीब 47500 लोगों को योजना के तहत मुफ्त इलाज लाभ मिल चुका है।

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