गोरखपुर: कोरोना से 4 वर्षीय मासूम की मौत, पिता ने शव लेने से किया इनकार
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि मासूम की मौत के बाद उसके पिता को शव ले जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने शव ले जाने से इनकार कर दिया। शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया है। 72 घंटे के इंतजार के बाद प्रशासन अंतिम संस्कार कराएगा।
Lipi 17 May 2021, 1:11 pm
गोरखपुर
गोरखपुर में 4 वर्षीय मासूम की कोरोना से मौत के बाद पिता ने शव को लेन से इनकार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि 72 घंटे इंतजार के बाद प्रशासन की ओर से मासूम का अंतिम संस्कार कराया जाएगा।
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। यहां पीपीगंज के तिघरा गांव के रहने वाले रमेश साहनी का 4 वर्षीय पुत्र पिछले 5 दिनों से बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में भर्ती था। रविवार रात मासूम की मौत हो जाने के बाद स्टाफ कर्मचारियों ने जब बच्चे का शव ले जाने के लिए कहा तो रमेश ने कोरोना का हवाला देते हुए शव को लेने से इनकार कर दिया।
रमेश की मां का देहांत भी कोरोना के कारण एक दिन पहले हुआ था। जिसका अंतिम संस्कार उसके द्वारा ही किया गया था। रमेश का कहना है कि घर में सभी लोग कोरोना से संक्रमित है। ऐसे में बच्चे के शव को ले जाकर उन्हें और गांव वालों को परेशान करना नहीं चाहता। उसने कहा कि अब मेरी हिम्मत जवाब दे चुकी है।
वहीं, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि मासूम की मौत के बाद उसके पिता को शव ले जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने शव ले जाने से इनकार कर दिया। शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया है। 72 घंटे के इंतजार के बाद प्रशासन अंतिम संस्कार कराएगा।
गोरखपुर में 4 वर्षीय मासूम की कोरोना से मौत के बाद पिता ने शव को लेन से इनकार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि 72 घंटे इंतजार के बाद प्रशासन की ओर से मासूम का अंतिम संस्कार कराया जाएगा।
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। यहां पीपीगंज के तिघरा गांव के रहने वाले रमेश साहनी का 4 वर्षीय पुत्र पिछले 5 दिनों से बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में भर्ती था। रविवार रात मासूम की मौत हो जाने के बाद स्टाफ कर्मचारियों ने जब बच्चे का शव ले जाने के लिए कहा तो रमेश ने कोरोना का हवाला देते हुए शव को लेने से इनकार कर दिया।
रमेश की मां का देहांत भी कोरोना के कारण एक दिन पहले हुआ था। जिसका अंतिम संस्कार उसके द्वारा ही किया गया था। रमेश का कहना है कि घर में सभी लोग कोरोना से संक्रमित है। ऐसे में बच्चे के शव को ले जाकर उन्हें और गांव वालों को परेशान करना नहीं चाहता। उसने कहा कि अब मेरी हिम्मत जवाब दे चुकी है।
वहीं, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि मासूम की मौत के बाद उसके पिता को शव ले जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने शव ले जाने से इनकार कर दिया। शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया है। 72 घंटे के इंतजार के बाद प्रशासन अंतिम संस्कार कराएगा।