गोरखपुर: यूपी में गोरखपुर के टॉप 10 माफिया की सूची में शामिल राकेश यादव ने शनिवार को कोर्ट में समर्पण कर दिया। पुलिस पिछले एक सप्ताह से उसे पकड़ने के प्रयास कर रही थी। माफिया ने पुलिस को छकाते हुए कोर्ट में समर्पण कर सबको चौंका दिया। राकेश यादव पर कुल 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। प्रदेश सरकार के सख्त निर्देश पर पुलिस लगातार माफियाओ और अपराधियों पर नकेल कसने का कार्य कर रही हैं। अभी एक सप्ताह पहले ही माफिया अजीत शाही ने कोर्ट में समर्पण किया था और आज राकेश यादव ने खुद को कोर्ट के हवाले कर सबको चौंका दिया।
गोरखपुर पुलिस माफिया राकेश यादव को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी करने दावे कर रही थी। इसी कड़ी में उसके झूंगिया स्थित मकान को भी ध्वस्त करने की तैयारी चल रही थी। माफिया ने पुलिस के मंसूबों पर पानी फेरते हुए आज खुद को कोर्ट के हवाले कर दिया।
मारपीट, बलवा और हत्या के प्रयास के एक मामले में राकेश यादव जमानत पर चल रहा था, इसी बीच एक व्यक्ति ने राकेश पर रंगदारी और जमीन कब्जा करने का मुकदमा दर्ज कराया।इसके बाद से ही पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी। पुलिस लगातार राकेश के ठिकानों सहित उसके गुर्गों के घर पर छापेमारी कर गिरफ्तार करने की कोशिश में लगी हुई थी कि शनिवार को उसने अपनी जमानत को निरस्त कराते हुए सीजीएम प्रथम कोर्ट के समक्ष समर्पण कर दिया।आपको बता दें कि जिले के टॉप 10 माफियाओं की सूची में शामिल राकेश यादव का नाम प्रदेश की सूची में 61वें नंबर पर है। राकेश पर अब तक कुल 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।
माफिया राकेश यादव का नाम पहली बार तब सामने आया था जब उसने 25 मार्च 1996 में ब्रह्मा यादव के साथ मिलकर मानीराम के तत्कालीन विधायक ओम प्रकाश पासवान की बम मारकर हत्या कर दी थी। तत्कालीन सरकारों की सरपरस्ती में राकेश के अपराध का साम्राज्य बढ़ता गया और उसने जयराम की दुनिया में खूब नाम कमाया। कई मुकदमे दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर अपराधियों के हौसले बढ़ते गए। फिलहाल योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इन माफियाओं के नाक में नकेल कस दी है।
एसएसपी गौरव ग्रोवर का कहना है कि माफिया के खिलाफ चल रहे मुकदमों की वर्तमान स्थिति क्या है, इसको देखते हुए प्रभावी पैरवी कर जल्द से जल्द माफिया को सजा दिलाने का काम किया जाएगा। जांच के लिए एसपी नार्थ को नोडल अधिकारी बनाया गया है उन्हीं के नेतृत्व में टीम द्वारा उसके अवैध संपत्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। इसके अलावा उसके परिवार और गुर्गों की संपत्ति की भी जांच कराई जा रही है। उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गोरखपुर पुलिस माफिया राकेश यादव को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी करने दावे कर रही थी। इसी कड़ी में उसके झूंगिया स्थित मकान को भी ध्वस्त करने की तैयारी चल रही थी। माफिया ने पुलिस के मंसूबों पर पानी फेरते हुए आज खुद को कोर्ट के हवाले कर दिया।
टॉप 10 सूची में शामिल माफिया पर 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज
मारपीट, बलवा और हत्या के प्रयास के एक मामले में राकेश यादव जमानत पर चल रहा था, इसी बीच एक व्यक्ति ने राकेश पर रंगदारी और जमीन कब्जा करने का मुकदमा दर्ज कराया।इसके बाद से ही पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी। पुलिस लगातार राकेश के ठिकानों सहित उसके गुर्गों के घर पर छापेमारी कर गिरफ्तार करने की कोशिश में लगी हुई थी कि शनिवार को उसने अपनी जमानत को निरस्त कराते हुए सीजीएम प्रथम कोर्ट के समक्ष समर्पण कर दिया।आपको बता दें कि जिले के टॉप 10 माफियाओं की सूची में शामिल राकेश यादव का नाम प्रदेश की सूची में 61वें नंबर पर है। राकेश पर अब तक कुल 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।
पहली बार विधायक की हत्या में सामने आया था नाम
माफिया राकेश यादव का नाम पहली बार तब सामने आया था जब उसने 25 मार्च 1996 में ब्रह्मा यादव के साथ मिलकर मानीराम के तत्कालीन विधायक ओम प्रकाश पासवान की बम मारकर हत्या कर दी थी। तत्कालीन सरकारों की सरपरस्ती में राकेश के अपराध का साम्राज्य बढ़ता गया और उसने जयराम की दुनिया में खूब नाम कमाया। कई मुकदमे दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर अपराधियों के हौसले बढ़ते गए। फिलहाल योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इन माफियाओं के नाक में नकेल कस दी है।
क्या कहना है एसएसपी का
एसएसपी गौरव ग्रोवर का कहना है कि माफिया के खिलाफ चल रहे मुकदमों की वर्तमान स्थिति क्या है, इसको देखते हुए प्रभावी पैरवी कर जल्द से जल्द माफिया को सजा दिलाने का काम किया जाएगा। जांच के लिए एसपी नार्थ को नोडल अधिकारी बनाया गया है उन्हीं के नेतृत्व में टीम द्वारा उसके अवैध संपत्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। इसके अलावा उसके परिवार और गुर्गों की संपत्ति की भी जांच कराई जा रही है। उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।