गोरखपुर
उत्तर प्रदेश का गोरखपुर जिला। सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़। यूपी सीएम का गृह जनपद होने के नाते यहां पर व्यवस्थाएं दुरुस्त होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। यह वह शहर है जहां लोग पुलिस से डरते हैं। तीन दिनों पहले कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता को पुलिस ने चेकिंग के नाम पर प्रताड़ित किया और उसकी मौत हो गई। यह पहली बार नहीं जब पुलिस की बरबरता सामने आई है। यहां अकसर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। यूपी पुलिस, मित्र पुलिस का टैग दिया गया है। पुलिस अधिकारी थानों में चौपाल लगाते हैं। बीट पुलिस अधिकारियों को गांव-गांव भेजा जा रहा है ताकि लोगों और पुलिस के बीच डर कम किया जा सके। लोग पुलिस को अपना दोस्त और मददगार समझें, लेकिन ताजा मामले को देखते हुए ऐसा लगता है पुलिस ही लोगों की भक्षक बन गई है।
दागियों की नहीं बनी सूची
इसी साल 21 मई को एडीजी ने खराब छवि वाले पुलिसकर्मियों की एक सूची तैयार करने को कहा। एडीजी ने कहा कि सूची तैयार करके ऐसे पुलिसवालों पर ऐक्शन होगा। लेकिन आज तक सूची ही तैयार नहीं हो सकी, कार्रवाई तो दूर की बात।
कानपुर व्यापारी की मौत... आरोपी इंस्पेक्टर पर पहले भी लगे आरोप, थाना भी बदनाम
घर के बाहर फेंक दिया सामान
20 सितंबर को पुलिस की खराब छवि सामने आई थी। बांसगांव के विष्णु शंकर त्रिपाठी ने बताया कि वह अलहदादपुर में किराए के कमरे में रह रहे थे। उनका मकान मालिक के साथ केस कोर्ट में चल रहा है। इसी बीच 20 सितंबर को राजघाट थानेदार ने उन्हें थाने बुलाया और उनके साथ अभद्रता की। उन्हें कमरा खाली करने को कहा। जब वह नहीं माने तो घर आकर उनका सारा सामान बाहर फेंक दिया। इस मामले में एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने एसपी साउथ को जांच करने को कहा है।
मास्क न लगाने पर बर्बरता
21 मई में बांसगांव थाना क्षेत्र के दारोगा मनोज गुप्ता ने मास्क न लगाने पर एक व्यापारी की जमकर पिटाई की थी। बेचन साहनी नाम के इस व्यापारी ने अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई ऐक्शन नहीं हुआ। मामला तूल पकड़ा और सीएम तक पहुंचा। सीएम तक मामला पहुंचने के बाद एसएसपी ने दारोगा और दो सिपाहियों को सस्पेंड किया और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए।
कपड़े उतरवाकर पट्टे से पीटा
8 मई को पीपीगंज थाना क्षेत्र के कोल्हुआ गांव के रहने वाले सदानंद शर्मा ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने इस मामले में एसएसपी को एक शिकायती पत्र दिया था और आरोप लगाया था कि थाने में एक दारोगा ने उनके बेटे का कपड़ा उतरवाकर पट्टे से बेरहमी से पीटा।
भारी पुलिस फोर्स तैनात करके तड़के किया गया मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार, पत्नी ने रखीं ये मांगें
युवक की जमकर पिटाई
7 सितंबर को खजनी के महुआडाबर चोकी में तैनात दरोगा पर युवक की पिटाई का आरोप लगा। अभिजीत कुमार नाम के इस युवक की शिकायत पर एसएसपी ने दरोगा को सस्पेंड किया। इन दरोगा पर उरुवा में पोस्टिंग के दौरान भी गंभीर आरोप लगे थे।
बीजेपी नेता के बेटे को पीटा
7 सितंबर को सूर्यकुंड में सब्जी मंडी के पास रहने वाले बीजेपी नेता के बेटे की पिटाई का मामला सामने आया था। बीजेपी नेता लीला पांडेय के बेटे शिवांग की दो सिपाहियों ने जमकर पिटाई की थी। यह भी आरोप था कि शिवांग को पुलिसवालों ने इतना पीटा कि उसका सिर फट गया था।
पिटाई का वीडियो वायरल हुआ तो कार्रवाई
20 अगस्त, 2021 को युवकों की पिटाई का एक वीडियो वायरल हुआ। चौरी-चौरा के एक होटल में कुछ युवक खाना खा रहे थे। आरोप है कि इसी दौरान पुलिस ने युवकों की जमकर पिटाई की। वीडियो वायरल होने के बाद ऐसएसपी ने इस मामले में कार्रवाई की।
उत्तर प्रदेश का गोरखपुर जिला। सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़। यूपी सीएम का गृह जनपद होने के नाते यहां पर व्यवस्थाएं दुरुस्त होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। यह वह शहर है जहां लोग पुलिस से डरते हैं। तीन दिनों पहले कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता को पुलिस ने चेकिंग के नाम पर प्रताड़ित किया और उसकी मौत हो गई। यह पहली बार नहीं जब पुलिस की बरबरता सामने आई है। यहां अकसर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं।
दागियों की नहीं बनी सूची
इसी साल 21 मई को एडीजी ने खराब छवि वाले पुलिसकर्मियों की एक सूची तैयार करने को कहा। एडीजी ने कहा कि सूची तैयार करके ऐसे पुलिसवालों पर ऐक्शन होगा। लेकिन आज तक सूची ही तैयार नहीं हो सकी, कार्रवाई तो दूर की बात।
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घर के बाहर फेंक दिया सामान
20 सितंबर को पुलिस की खराब छवि सामने आई थी। बांसगांव के विष्णु शंकर त्रिपाठी ने बताया कि वह अलहदादपुर में किराए के कमरे में रह रहे थे। उनका मकान मालिक के साथ केस कोर्ट में चल रहा है। इसी बीच 20 सितंबर को राजघाट थानेदार ने उन्हें थाने बुलाया और उनके साथ अभद्रता की। उन्हें कमरा खाली करने को कहा। जब वह नहीं माने तो घर आकर उनका सारा सामान बाहर फेंक दिया। इस मामले में एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने एसपी साउथ को जांच करने को कहा है।
मास्क न लगाने पर बर्बरता
21 मई में बांसगांव थाना क्षेत्र के दारोगा मनोज गुप्ता ने मास्क न लगाने पर एक व्यापारी की जमकर पिटाई की थी। बेचन साहनी नाम के इस व्यापारी ने अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई ऐक्शन नहीं हुआ। मामला तूल पकड़ा और सीएम तक पहुंचा। सीएम तक मामला पहुंचने के बाद एसएसपी ने दारोगा और दो सिपाहियों को सस्पेंड किया और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए।
कपड़े उतरवाकर पट्टे से पीटा
8 मई को पीपीगंज थाना क्षेत्र के कोल्हुआ गांव के रहने वाले सदानंद शर्मा ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने इस मामले में एसएसपी को एक शिकायती पत्र दिया था और आरोप लगाया था कि थाने में एक दारोगा ने उनके बेटे का कपड़ा उतरवाकर पट्टे से बेरहमी से पीटा।
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युवक की जमकर पिटाई
7 सितंबर को खजनी के महुआडाबर चोकी में तैनात दरोगा पर युवक की पिटाई का आरोप लगा। अभिजीत कुमार नाम के इस युवक की शिकायत पर एसएसपी ने दरोगा को सस्पेंड किया। इन दरोगा पर उरुवा में पोस्टिंग के दौरान भी गंभीर आरोप लगे थे।
बीजेपी नेता के बेटे को पीटा
7 सितंबर को सूर्यकुंड में सब्जी मंडी के पास रहने वाले बीजेपी नेता के बेटे की पिटाई का मामला सामने आया था। बीजेपी नेता लीला पांडेय के बेटे शिवांग की दो सिपाहियों ने जमकर पिटाई की थी। यह भी आरोप था कि शिवांग को पुलिसवालों ने इतना पीटा कि उसका सिर फट गया था।
पिटाई का वीडियो वायरल हुआ तो कार्रवाई
20 अगस्त, 2021 को युवकों की पिटाई का एक वीडियो वायरल हुआ। चौरी-चौरा के एक होटल में कुछ युवक खाना खा रहे थे। आरोप है कि इसी दौरान पुलिस ने युवकों की जमकर पिटाई की। वीडियो वायरल होने के बाद ऐसएसपी ने इस मामले में कार्रवाई की।